कभी-कभी मुश्किल हालत इंसान को इतना मजबूत बना देते हैं कि वह अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी उदाहरण बन जाता है। कोलकाता के मामून मलिक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मामून कोलकाता में Samaritan Help Mission school नाम से चार इंग्लिश मीडियम स्कूल चला रहे हैं। उनका यह स्कूल खास करके उन बच्चों के लिए जिनके परिवार के पास दो वक़्त के खाने के पैसे भी बड़ी मुश्किल से आ पाते हैं।
इस स्कूल को शुरू करने की प्रेरणा मामून को अपने जीवन के अनुभवों से मिली थी। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मामून पढ़ने में कभी तेज़ थे लेकिन आर्थिक कारणों के कारण उनको सातवीं के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा था। उस समय उनके परिवार के पास स्कूल की फीस देने के पैसे नहीं थे।
हालांकि उनका स्कूल तो छूट गया लेकिन पढ़ाई नहीं, उन्होंने अपनी घर पर रहकर कुछ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और घर में रहकर बारहवीं तक की शिक्षा हासिल की।