ASI ने माना कि रचना से पहले वहाँ हिंदी मंदिर मौजूद था
ज्ञानवापी की asi सर्वे रिपोर्ट 839 पेज की रिपोर्ट हिंदू-मुस्लिम पक्ष को सौंपी गई है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन का दावा है कि रिपोर्ट में मंदिर होने के 32 सबूत मिले हैं। रिपोर्ट में कन्नड़, तेलुगु, देवनागरी, और ग्रंथा चार भाषाओं में दीवारों पर लेखनी मिली है। भगवान शिव के 3 नाम जनार्दन, रुद्र और ओमेश्वर भी लिखे मिले हैं। मस्जिद के सभी पिलर पहले मंदिर के थे, जिन्हें मॉडिफाई करके मस्जिद में इस्तेमाल किया गया। मस्जिद की पश्चिमी दीवार से स्पष्ट है कि यह मंदिर की दीवार है। रिपोर्ट पढ़ने के बाद मुस्लिम पक्ष ने बयान जारी करने की संभावना जताई है।
ज्ञानवापी की ASI सर्वे रिपोर्ट
विष्णुशंकर जैन ने कहा कि मस्जिद का गुंबद 350 साल पुराना है, पश्चिमी दीवार 5 हजार साल पुरानी नागर शैली में बनी है। भगवान हनुमान और गणेश की खंडित मूर्तियां, त्रिशुल आकृति, और औसी गणेश की मूर्तियां भी मिलीं। तहखाना 52 में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां भी थीं। उन्होंने कहा कि asi ने इस निष्कर्ष पर भरोसा जताया है कि 2 सितंबर 1669 को मंदिर ढहा दिया गया था और मस्जिद बनाई गई।
वाराणसी कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट
24 जनवरी को वाराणसी कोर्ट ने सर्वे asi रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को देने का फैसला सुनाया। रिपोर्ट को सीलबंद वाराणसी कोर्ट पटल पर रखा गया, जिसे देने के लिए प्रति पेज 2 रुपए की दर तय की गई।
जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने बताया कि दोनों पक्ष रिपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। asi रिपोर्ट मिलने के बाद वे 6 फरवरी तक आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। हिंदू पक्ष से विष्णु शंकर जैन, सुधीर उपाध्याय, और मुस्लिम पक्ष से वकील अखलाक अहमद सहित 13 लोगों ने रिपोर्ट के लिए आवेदन किया है। हिंदू पक्ष के वकीलों को रिपोर्ट सौंपी गई है।