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जानिए भारत रत्न BJP के नेता LK Advani के ऐतिहासिक संघर्षों के बारे में

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LK Advani का जीवनचरित्र

बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक लालकृष्ण आडवाणी (LK Advani) को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. पीएम मोदी ने खुशी जताते हुए खुद ट्वीट करके ये बड़ी जानकारी मीडिया से साझा की है. पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (पूर्व में जनसंघ) के संस्थापक सदस्य हैं, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी (LK Advani) 96 साल के हो गए हैं. । आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अविभाज्य भारत) में हुआ था. में हुआ था, वे BJP के संस्थापक सदस्य और गुजरात से पूर्व सांसद हैं।”ये ऐसे नेता रहे जिन्होंने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई

LK advani

LK Advani ने अपनी शिक्षा को श्री जिवाजी विश्वविद्यालय, आरा, और गौधूली नर्मदा विश्वविद्यालय, जबलपुर से पूरी की। उन्होंने अपने शैक्षिक करियर की शुरुआत न्यायमूर्ति विश्वविद्यालय, जबलपुर में प्रोफेसर के रूप में की।

1947 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए और राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वे राजस्थान और राष्ट्रीय स्तर पर अपने कदम रखने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्थापक सदस्य बने।

हिंदुत्व की राजनीति का पहला पोस्टर ब्वॉय

साथ ही, उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ नए राजनीति मंच पर हिंदुत्व की राजनीति को प्रमोट किया। आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना की, हिंदुत्व की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने राजनीतिक सफर में राम रथ यात्रा, जनादेश यात्रा, भारत सुरक्षा यात्रा, स्वर्ण जयंती रथ यात्रा, और भारत उदय यात्रा जैसी कई यात्राएं निकालीं, जो पार्टी को देशवासियों के साथ जोड़ने में मदद की। इन यात्राओं ने उनकी राजनीतिक मजबूती को बढ़ावा दिया।

LK Advani पारिवारिक जीवन

लालकृष्ण आडवाणी के पिता का नाम केडी आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी आडवाणी था। उनकी शादी 1965 में कमला आडवाणी से हुई और उनके दो बच्चे हैं, बेटा जयंत और बेटी प्रतिभा। विभाजन के दौरान कमला का परिवार भी पाकिस्तान से भारत आया था। उन्होंने अपनी पढ़ाई कराची में पूरी की और फिर मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 1947 में आरएसएस के सेक्रेटरी बनने के साथ ही उनका पॉलिटिकल करियर शुरू हुआ।

Family

LK Advani बच्चों के बारे में

प्रतिभा आडवाणी – प्रतिभा आडवाणी टॉक शो होस्ट और प्रोड्यूसर हैं. वो एक मीडिया कंपनी चलाती हैं. दूरदर्शन के लिए प्रतिभा दो शो, यादें और टेक केयर, प्रोड्यूस कर चुकी हैं.

वो कई टॉक शो होस्ट भी कर चुकी हैं. जयंत आडवाणी – लालकृष्ण आडवाणी के पुत्र जयंत मीडिया से दूरी बना कर रखते हैं. हालांकि 1990 के दशक में उन्होंने अपने पिता के लिए काफी चुनाव प्रचार किया था.

राजनीतिक शुचिता की मिसाल – वह अपने बेटे, जयंत आडवाणी, को सक्रिय राजनीति में नहीं लाना चाहते थे?

साल 1989 में लोकसभा चुनाव हो रहे थे और लालकृष्ण आडवाणी पार्टी में भाई-भतीजावाद के खिलाफ थे। वह नहीं चाहते थे कि उनके बेटे, जयंत, गांधीनगर से चुनाव लड़ें, जानते थे कि यह उनके लिए आसान जीत होगी। आडवाणी ने कहा, ‘जयंत आसानी से जीत सकते हैं, लेकिन मैं उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दूंगा।’

तब एक करीबी मित्र की सलाह पर, लालकृष्ण आडवाणी ने नई दिल्ली सीट को अपने पास रखने और अपने बेटे जयंत को गांधीनगर से चुनाव लड़ने की राह में कोई रुकावट नहीं आने दी। 1989 में, उन्होंने दोनों सीटों से जीत हासिल की, लेकिन बाद में उन्होंने दिल्ली सीट से इस्तीफा देकर गांधीनगर सीट को अपने पास रखा

RSS

मीडिया यूनियन, राजनीतिक संबंध

आडवाणी ने करियर की शुरुआत में पत्रकारिता और ट्रेड यूनियन में सेवाएं दीं। 1947 में देश के स्वतंत्रता होने पर, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सेक्रेटरी के रूप में काम किया।

लाल कृष्ण आडवाणी को चॉकलेट के शौक हैं और वे क्रिकेट के प्रेमी हैं। समय मिलने पर उन्होंने फिल्में, किताबें, थिएटर, सिनेमा, और संगीत से जुड़ी चीजों में अपना समय बिताते हैं

बीजेपी के सबसे लंबे समय तक के राष्ट्रीय अध्यक्ष LK Advani

लाल कृष्ण आडवाणी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) शासन के दौरान सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के रूप में काम किया। बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक, आडवाणी ने सार्वजनिक जीवन में दशकों तक की लंबी सेवा को पारदर्शिता के साथ पूरा किया। उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण ने उन्हें आज भी पार्टी के सामान्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनाए रखा है। लाल कृष्ण आडवाणी ने 1986-1990, 1993-1998, और 2004-2005 के दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सेवा की, 1980 के बाद वे पार्टी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहे।

समाज सेवा और राष्ट्र सेवा में उनकी श्रेष्ठता के कारण सरकार ने लाल कृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ देने का फैसला किया है

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