ईरान में इन दिनों बिगड़ते हालात के बीच वहां पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों की चिंता बढ़ गई है। असुरक्षा, अनिश्चितता और डर के माहौल में जी रहे इन छात्रों ने भारत सरकार से मदद की अपील की है। सोशल मीडिया और वीडियो संदेशों के ज़रिए छात्रों ने अपनी स्थिति बयान की है, जो न सिर्फ भावुक कर देने वाली है, बल्कि बेहद चिंताजनक भी।
छात्रों का दर्द: “नींद नहीं, राहत नहीं”
एक वायरल वीडियो में छात्रों ने कहा, “हम तीन रातों से ठीक से सो नहीं पाए हैं। यहां हालात खराब होते जा रहे हैं। हम डरे हुए हैं और मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। हमें जल्द से जल्द भारत लाया जाए।”
इन छात्रों का कहना है कि ईरान में जारी अशांति और बढ़ती हिंसा के कारण वे बेहद डरे हुए हैं और लगातार अपने परिजनों से संपर्क में रहने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें सुरक्षित होने का भरोसा दे सकें। लेकिन सीमित संसाधनों और कमजोर इंटरनेट के कारण यह भी संभव नहीं हो पा रहा है।
50 से अधिक छात्र फंसे, भोजन और सुविधाएं सीमित
जानकारी के अनुसार, ईरान के विभिन्न शहरों में 50 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। इनमें से ज़्यादातर मेडिकल और टेक्निकल कोर्सेज़ में पढ़ाई कर रहे हैं। छात्रों ने बताया कि खाने-पीने की चीज़ों की आपूर्ति बाधित हो रही है, और हॉस्टल व स्थानीय होटलों में रहना भी अब सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा।
सरकार से अपील: निकालिए हमें सुरक्षित बाहर
छात्रों ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द कोई राहत मिशन चलाया जाए ताकि उन्हें सुरक्षित स्वदेश लाया जा सके। उनका कहना है कि यदि स्थिति को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।
भारतीय दूतावास ने जारी किया बयान
तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने इस मसले पर बयान जारी करते हुए कहा है कि वह हालात पर नजर बनाए हुए है और सभी भारतीय नागरिकों से संयम बरतने तथा आधिकारिक चैनलों के संपर्क में रहने की अपील की है।
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी कहा है कि छात्रों की हरसंभव सहायता की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी, तो निकासी (Evacuation) पर विचार किया जाएगा ।
विदेश में फंसे भारतीय छात्रों की गुहार ने एक बार फिर साबित किया है कि संकट के समय सरकार से तुरंत प्रतिक्रिया की अपेक्षा होती है। उम्मीद की जा रही है कि भारत सरकार इन छात्रों को जल्द सुरक्षित वतन लौटाने का रास्ता निकालेगी।