टाटा इंस्टीट्यूट
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ने एक नई दवा विकसित की है जो Cancer के दोबारा होने की रोकथाम करेगी और इलाज के दुष्प्रभावों को 50% तक कम करेगी
देशभर में कैंसर से बड़ी संख्या में लोग हर साल अपनी जान गंवाते हैं। शुरुआती स्टेज में पहचान पर कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरापी और रेडियोथेरापी हैं, पर इनके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी होते हैं।
मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ने एक नई टैबलेट विकसित की है जो दोबारा कैंसर होने से रोकती है और साइड इफेक्ट्स को कम करती है
रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स को 50% तक कम कर देगी
मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ने कैंसर से जूझ रहे लोगों के लिए एक नई दवा विकसित की है, जो न केवल दोबारा कैंसर होने की संभावना को रोकेगी बल्कि रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स को भी 50% तक कम करेगी।
चूहों पर किया गया पहला प्रयोग
टाटा अस्पताल की रिसर्च टीम ने चूहों पर एक नई दवा का प्रयोग किया, जिसमें रेस्वेराट्रोल और कॉपर (R+Cu) के मिश्रण से बनी प्रो-ऑक्सीडेंट गोलियां शामिल थीं, जो cancer कोशिकाओं को नष्ट करने में सक्षम थीं।
चूहों में कैंसर कोशिकाएं डालने के बाद उनमें ट्यूमर विकसित हुए, जिनका इलाज रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, और सर्जरी से किया गया। मृत cancer कोशिकाएं क्रोमैटिन कणों में टूट जाती हैं, जो शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं को कैंसरग्रस्त बना सकती हैं। इसे रोकने के लिए टाटा अस्पताल ने एक विशेष टैबलेट विकसित की है।
यह दवा कैसे लोगों में cancer के पुनरावृत्ति को रोकेगी
कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी के दौरान मरने वाली cancer कोशिकाएं कोशिका-मुक्त क्रोमैटिन कण (सीएफसीएचपी) छोड़ती हैं, जो स्वस्थ कोशिकाओं में cancer को फैला सकते हैं और नए ट्यूमर बना सकते हैं। इस नई दवा का उद्देश्य कैंसर के दोबारा होने की संभावना को कम करना और इलाज के साइड इफेक्ट्स से रक्षा करना है।