Homeमनोरंजनछोले भटूरे ने कैसे तय किया इतिहास का सफर?

छोले भटूरे ने कैसे तय किया इतिहास का सफर?

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दिल्ली और छोले भटूरे के बीच एक ऐसा रोमांस है, जो शायद कहीं और देखने को नहीं मिल सकता। हर साल, जैसे ही राजधानी में कड़ाके की ठंड पड़ती है, सैकड़ों लोग खुद को गर्म रखने के लिए अपने पसंदीदा मसालेदार छोले के कटोरे और तली हुई पूरियों की ओर रुख करते हैं।

छोले भटूरे के हमारे यहां तक पहुंचने से जुड़े कई किस्से व कहानियां हैं और हर प्रेम कहानी की तरह इस कहानी में भी कई उतार चढ़ाव हैं।

लेकिन इससे पहले कि हम उन कहानियों की चर्चा करें, जो नहीं जानते वे जान लें कि आखिर छोले भटूरे है क्या?

दिल्ली के हर गली-सड़क में छोले-भटूरे बिकते दिख जाएंगे। इस स्वादिष्ट व्यंजन का मज़ा लेने के लिए हर रोज़ सैकड़ों लोग कतार में खड़े होते हैं और अपनी बारी का इंतजार करते हैं। इस व्यंजन में दो चीजें होती हैं, एक मसालेदार काबुली चने के छोले और दूसरा भटूरा, एक तरह की मैदे की तली हुई पूरी। दोनों की जोड़ी को कहा जा सकता है कि यह सीधे स्वर्ग से बन कर आई है। 

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