बनारसी पान का स्वाद और सुगंध अद्वितीय होती है। इसमें इस्तेमाल होने वाले विशेष प्रकार के पान के पत्ते, कत्था, चूना, सुपारी, गुलकंद, और विभिन्न प्रकार की मसालें इसे खास बनाती हैं।
बनारसी पान भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका विशेष स्थान बनारस (वाराणसी) की संस्कृति में है।
पान में उपयोग होने वाले कत्था और चूना दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। इसके अलावा, पान का चबाना मुँह की दुर्गंध को दूर करने और पाचन में सहायक माना जाता है।
भारतीय फिल्मों, गानों और साहित्य में बनारसी पान का विशेष उल्लेख मिलता है। यह लोकप्रियता का एक और कारण है।
बनारसी पान की तैयारी में विशेष सामग्री और विधि का उपयोग होता इसे पूरे भारत में और यहाँ तक कि विदेशों में भी प्रसिद्ध बनाती हैं