Homeबिजनेसहर्षद मेहता: शेयर बाजार का 'बिग बुल'

हर्षद मेहता: शेयर बाजार का ‘बिग बुल’

Date:

Share post:

हर्षद मेहता, एक नाम जो भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से नहीं, बल्कि काले धब्बे के रूप में दर्ज है। 1990 के दशक में इस नाम ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। एक साधारण से व्यक्ति के रूप में शुरुआत करने वाले हर्षद मेहता ने कुछ ही वर्षों में खुद को शेयर बाजार का बादशाह बना लिया था। लेकिन उनकी यह बादशाही काल कालजयी नहीं हो सकी, बल्कि एक बड़े घोटाले के साथ खत्म हुई।

गुजरात के राजकोट में जन्मे हर्षद मेहता का बचपन साधारण था। एक मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले हर्षद ने अपनी शुरुआती शिक्षा वहीं पूरी की। लेकिन उनमें बचपन से ही व्यापार और धन कमाने की एक अलग ही चाह थी। धीरे-धीरे उन्होंने मुंबई का रुख किया और वहां शेयर बाजार में अपना करियर शुरू किया।

शुरुआत में तो सब कुछ सामान्य ही रहा। हर्षद ने छोटे-मोटे लेन-देन से शुरुआत की और धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत की। लेकिन उनकी असली महत्वाकांक्षा कुछ और ही थी। वह शेयर बाजार में बड़ा खेल खेलना चाहते थे। और इसी चाहत ने उन्हें एक ऐसे रास्ते पर ले जा खड़ा किया, जिसने भारतीय शेयर बाजार की साख पर ही सवालिया निशान लगा दिया।

हर्षद मेहता ने बैंकिंग सिस्टम में मौजूद एक खामी का फायदा उठाया। उस जमाने में बैंक ड्राफ्ट एक महत्वपूर्ण वित्तीय उपकरण थे। हर्षद ने इन बैंक ड्राफ्ट्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। वह बैंकों से बैंक ड्राफ्ट लेता, और उनका इस्तेमाल शेयर बाजार में निवेश करने के लिए करता। लेकिन इन ड्राफ्ट्स को बाद में भुनाने की उसकी कोई योजना नहीं थी।

एक बार बाजार में पैसा आने के बाद, हर्षद मेहता ने अपनी असली चाल चली। उसने कुछ चुनिंदा शेयरों की कीमतें तेजी से बढ़ानी शुरू कर दी। इसके लिए उसने अपने करीबी लोगों और दलालों की मदद ली। इन शेयरों की मांग को कृत्रिम रूप से बढ़ाकर, उनकी कीमतों में जबरदस्त उछाल लाया गया। निवेशक लालच में आकर इन शेयरों को खरीदने लगे, जिससे उनकी कीमतें और भी बढ़ती गईं।

यह एक चेन रिएक्शन की तरह था। एक बार जब शेयरों की कीमतें आसमान छूने लगीं, तो और भी ज्यादा निवेशक इनमें पैसा लगाने लगे। इस तरह हर्षद मेहता ने कम समय में ही एक बड़ी पूंजी जुटा ली।

लेकिन हर अच्छे खेल का अंत होता है, और हर्षद मेहता के खेल का अंत भी हुआ। धीरे-धीरे कुछ लोगों को शक होने लगा कि शेयर बाजार में कुछ तो गड़बड़ी है। जांच शुरू हुई और धीरे-धीरे हर्षद मेहता के घोटाले का पर्दाफाश होने लगा।

जब सच्चाई सामने आई तो पूरा देश हिल गया। हर्षद मेहता को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके

खिलाफ कई मामले दर्ज हुए। इस घोटाले ने न सिर्फ हर्षद मेहता के करियर को बर्बाद कर दिया, बल्कि पूरे भारतीय शेयर बाजार की साख को भी धक्का लगा।

हर्षद मेहता की कहानी एक कड़वा सच है। यह बताती है कि लालच कितना खतरनाक हो सकता है। यह एक सबक है कि सफलता के शॉर्टकट नहीं होते हैं। ईमानदारी और मेहनत ही सच्ची कामयाबी की कुंजी है।

हर्षद मेहता का नाम आज भी एक चेतावनी के रूप में याद किया जाता है। यह घटना भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में एक काला अध्याय है, लेकिन साथ ही यह एक सबक भी है, जिससे हम सबको सीखना चाहिए।

Related articles

Lack of Sleep Effects: नींद की कमी,बीमारियों का घर और आपकी सेहत पर बुरा असर

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद एक लग्जरी बन गई है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए...

CP Radhakrishnan Oath Live: भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने...

यादों से मिलेगी राहत, अपनाएं ये आसान तरीके और पाएं मानसिक सुकून

कभी-कभी जीवन में ऐसा वक्त आता है जब कोई अपना हमें छोड़कर चला जाता है। हम चाहकर भी...

UNICEF Report on Child Obesity: दुनिया भर में दुबले बच्चों से ज्यादा मोटे बच्चे, इन देशों में संकट सबसे गहरा

यूनिसेफ (UNICEF) की हालिया रिपोर्ट 'फीडिंग प्रॉफिट: हाउ फूड एनवायरनमेंट्स आर फेलिंग चिल्ड्रन' ने वैश्विक बाल स्वास्थ्य को...