देश के युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. मंगलवार, 1 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम को हरी झंडी दे दी गई है. इस स्कीम का मकसद है देश में नौकरियों को बढ़ावा देना और खास तौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करना. मिंट की एक खबर के मुताबिक सरकार ने इस स्कीम के लिए 1.07 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट भी रखा है. तो आइए, जानते हैं कि आखिर ये ELI स्कीम है क्या और इसका फायदा किसे-कैसे मिलेगा.
क्या है ELI स्कीम?
ELI यानी Employment Linked Incentive स्कीम प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 2 लाख करोड़ रुपये के मेगा पैकेज का हिस्सा है। इसका मकसद युवाओं को सीधी नौकरी, प्रशिक्षण (ट्रेनिंग), स्किल डेवलपमेंट और इंसेंटिव के ज़रिए मुख्यधारा में लाना है।
स्कीम के मुख्य उद्देश्य:
- नौकरी लगते ही इंसेंटिव – युवाओं को रोजगार के साथ फाइनेंशियल इंसेंटिव मिलेगा।
- प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा – कंपनियों को युवाओं की नियुक्ति करने पर आर्थिक लाभ मिलेगा।
- ट्रेनिंग और स्किलिंग – युवाओं को स्किल बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे इंडस्ट्री के हिसाब से तैयार हों।
- MSME और स्टार्टअप्स को भी फायदा – स्कीम से छोटे कारोबारों और स्टार्टअप्स को कुशल युवा मिलेगा।
किन युवाओं को मिलेगा फायदा?
- 18 से 35 साल तक के युवाओं को
- वे युवा जो पहली बार नौकरी में आ रहे हैं
- जिनकी मासिक आय सरकार द्वारा तय सीमा के अंदर होगी
- रोजगारदाता द्वारा EPFO/ESIC में रजिस्टर्ड हो
कब से लागू होगी स्कीम?
अब जब कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है, तो जल्द ही स्कीम की गाइडलाइन और आवेदन प्रक्रिया सामने आएगी। केंद्र सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार के अनुसार, “देश के युवाओं को न सिर्फ नौकरी दी जाएगी, बल्कि उन्हें इंडस्ट्री के अनुकूल स्किल के साथ तैयार भी किया जाएगा।” यह स्कीम आत्मनिर्भर भारत के विज़न को मजबूत करती है।
ELI स्कीम युवाओं को आत्मनिर्भर बनने, स्किल सीखने और नौकरी पाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगी। अब देखना होगा कि इसका ज़मीन पर कितना प्रभावी क्रियान्वयन होता है। लेकिन इतना तय है कि सरकारी नौकरी के अलावा अब निजी क्षेत्र में भी युवाओं को बड़ी राहत मिलने वाली है।