गुरु उपाध्याय, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के वृंदावन क्षेत्र के एक असाधारण 7 वर्षीय लड़के, ने अपने ज्ञान और शिक्षण कौशल से देशभर में ख्याति प्राप्त की है। ‘गूगल गुरु’ के नाम से मशहूर, गुरु उपाध्याय ने UPSC और इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को 14 विषय पढ़ाना शुरू कर दिया है, जिससे वह देश के सबसे युवा व्याख्याता बन गए हैं।
गुरु की प्रतिभा को उनके माता-पिता ने तब पहचाना जब वह केवल 17 महीने के थे। उस समय, वह विभिन्न देशों के झंडे और उनके राजधानियों के नाम पहचान सकते थे। उनके माता-पिता, जो स्वयं UPSC की तैयारी कर रहे थे, ने देखा कि गुरु उनके अध्ययन के दौरान सुनकर ही बहुत कुछ सीख रहे थे। धीरे-धीरे, गुरु ने खुद से पढ़ाना शुरू किया और पांच साल की उम्र तक वह छात्रों को शिक्षित करने लगे।
गुरु उपाध्याय का शिक्षण सफर केवल ऑफलाइन तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने ऑनलाइन माध्यमों का भी सहारा लिया और एक यूट्यूब चैनल शुरू किया, जहां से वह अपने ज्ञान को साझा करते हैं। उनके इस अद्वितीय कार्य की सराहना महंत नृत्य गोपाल दास, जो अयोध्या राम जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, ने की। उन्होंने गुरु को उनके घर पर जाकर सम्मानित किया और उनकी प्रशंसा की।
गुरु ने अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय रिकॉर्ड भी स्थापित किए हैं। उन्होंने केवल सात साल की उम्र में UPSC और इंजीनियरिंग के उम्मीदवारों को पढ़ाने के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान प्राप्त किया है। उनके पिता, अरविंद कुमार उपाध्याय, ने बताया कि यह उनके परिवार के लिए गर्व की बात है कि गुरु इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं।
गुरु की शिक्षा में उनकी समझदारी और ज्ञान की गहराई अद्वितीय है। वह जटिल सवालों के उत्तर कुछ ही सेकंड में दे सकते हैं, जो बड़े-बड़े छात्रों के लिए भी मुश्किल होता है। उनका यूट्यूब चैनल भी छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है, जहां वह UPSC और इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण विषयों को सरल और सुलभ तरीके से समझाते हैं।
इस प्रकार, गुरु उपाध्याय न केवल अपनी उम्र के बच्चों के लिए बल्कि बड़े छात्रों और शिक्षकों के लिए भी एक प्रेरणा बन गए हैं। उनकी कहानी यह साबित करती है कि उम्र केवल एक संख्या है, और अगर जुनून और समर्पण हो, तो किसी भी उम्र में असाधारण उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं|