आज 18 अप्रैल 2025 को हम World Heritage Day यानी की विश्व धरोहर दिवस मना रहे हैं। हर साल 18 अप्रैल को ही विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत की राजधानी दिल्ली, अपने समृद्ध इतिहास और विविध सांस्कृतिक विरासत के लिए जानी जाती है, और यहां स्थित तीन प्रमुख स्मारक यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। ये स्थल न केवल स्थापत्य कला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं, बल्कि भारत के गौरवशाली अतीत के प्रतीक भी हैं।
1. कुतुब मीनार परिसर

दिल्ली के महरौली क्षेत्र में स्थित कुतुब मीनार, 12वीं शताब्दी में गुलाम वंश के शासक कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा निर्माण कार्य शुरू किया गया था। 72.5 मीटर ऊंची यह मीनार भारत की सबसे ऊंची ईंट से बनी मीनार है और इस्लामी स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है। इसके परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और लौह स्तंभ जैसे अन्य ऐतिहासिक संरचनाएं भी हैं।
2. हुमायूं का मकबरा

मुगल सम्राट हुमायूं की याद में 1570 में निर्मित यह मकबरा, भारत में मुगल स्थापत्य कला का पहला प्रमुख उदाहरण है। यह चारबाग शैली में बना हुआ है, जिसमें बगीचों और जलमार्गों का सुंदर समन्वय देखने को मिलता है। हुमायूं का मकबरा ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा का स्रोत माना जाता है।
3. लाल किला

17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित लाल किला, लाल बलुआ पत्थर से बना एक विशाल किला है। यह मुगल साम्राज्य की शक्ति और वैभव का प्रतीक है। हर साल स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री यहीं से राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
ये तीनों स्थल न केवल स्थापत्य कला की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि भारत के इतिहास, संस्कृति और विरासत को समझने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर इन स्थलों का भ्रमण करना न केवल ज्ञानवर्धक होगा, बल्कि हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का एक अनूठा अवसर भी प्रदान करेगा। इन स्थलों का भ्रमण करते समय स्थानीय दिशा-निर्देशों का पालन करें और धरोहरों के संरक्षण में अपना योगदान दें।