भारत से बाहर अभी हाल ही में एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जहां भगवान राम की जय-जयकार के साथ शहर भर में गूंज हो गई, हर तरफ भीड़ ही भीड़ और लोग बस हाथ जोड़े या हाथ में राम जी की तस्वीर का झंडा लिए खड़े थे। हम बात कर रहे हैं उत्तर अमेरिका के कनाडा देश के मिसिसॉगा शहर की, जहां दुनिया की सबसे ऊंची भगवान राम की मूर्ती का उद्घाटन हुआ। यह मूर्ति 51 फीट ऊंची है और पूरे उत्तर अमेरिका में भगवान राम की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जा रही है। इसे शहर के Hindu Heritage Centre में स्थापित किया गया है।
इस परियोजना की शुरुआत करीब चार साल पहले की गई थी। स्थानीय हिंदू समुदाय और राम भक्तों ने मिलकर इसे संभव बनाया। प्रतिमा के उद्घाटन के दौरान ‘जय श्रीराम’ के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। चलिए जानते हैं इस प्रतिमा की खासियत के बारे में।
क्या है खासियत?
- ऊंचाई: 51 फीट
- स्थान: हिंदू हेरिटेज सेंटर, मिसिसॉगा, कनाडा
- निर्माण में समय: 4 साल
- आयु: अनुमानित 100 वर्षों तक टिकाऊ
- संदेश: यह प्रतिमा न केवल धार्मिक आस्था की प्रतीक है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर उजागर करती है।
स्थानीय प्रतिक्रिया:
स्थानीय लोगों और भक्तों ने इसे गर्व का क्षण बताया। कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों ने कहा कि यह प्रतिमा उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ती है और आने वाली पीढ़ियों को भगवान राम के आदर्शों से परिचित कराएगी।
भविष्य की योजना:
हिंदू हेरिटेज सेंटर इस स्थान को एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की योजना बना रहा है, जहां विश्वभर से श्रद्धालु आकर भगवान राम के दर्शन कर सकें।
भारतीयों के लिए गर्व की बात
प्रतिमा के बारे में कहा जा रहा है, इसके सही सलामत रहने की उम्मीद कम से कम 100 साल है। हिन्दू हेरिटेज सेंटर के फाउंडर आचार्य सुरिंदर शर्मा शास्त्री का कहना है, ये प्रतिमा कम्युनिटी के लिए स्पेशल गिफ्ट है। ये मूर्ती आपसी सांस्कृतिक एकता, शांति और विरासत का प्रतीक है, जिसे हर भक्त के लिए समर्पित किया गया है। ये भव्य प्रतिमा हिंदू संस्कृति की झलक दिखाती है और ये उपलब्धि उत्तर अमेरिका में बसे भारतीयों के लिए गर्व का एक खास पल बन गई है।