हमारे रोज़ के अखबार गुमशुदा लोगों की खबरों से भरे रहते हैं। अक्सर, ऐसी सूचनाओं को देखकर हम उन परिवारों के प्रति सहानुभूति तो करते हैं लेकिन अगले ही पल महज एक तमाशबीन बनकर इसे भूल जाते हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 2023 की विश्व जनसंख्या समीक्षा के अनुसार, डिजिटल युग में भी भारत में हर महीने 64,851 लोग लापता हो जाते हैं। इन रिपोर्ट्स पर हैरान होने के बजाय मुंबई के अक्षय रिडलान ने इसके बारे में कुछ करने का फैसला किया और बनाया एक QR Code वाला लॉकेट।
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पेशे से डाटा इंजीनियर अक्षय ने आधुनिकता और तकनीक का सहारा लेकर एक ऐसा QR पेंडेंट डिज़ाइन किया है जो डिमेंशिया और अल्जाइमर से पीड़ित लोगों, बुजुर्गों यहाँ तक की दिव्यांग बच्चों के लिए भी वरदान साबित हो सकता है।
दरअसल, साल 2019 तक अक्षय UPSC की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान वह रोज़ अख़बार पढ़ते थे और तभी उन्हें गुमशुदा लोगों की इस समस्या के बारे में पता चला।
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