गर्मियों का मौसम आते ही CNG (Compressed Natural Gas) कारों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। देशभर से ऐसी कई खबरें सामने आ चुकी हैं, जहां पार्क की गई या चलती हुई CNG कारों में अचानक आग लग गई। ऐसे हादसे न सिर्फ जान-माल के लिए खतरा हैं, बल्कि लोगों में डर और चिंता भी पैदा कर रहे हैं।
आख़िर क्यों लग रही है CNG कारों में आग?
1. अत्यधिक गर्मी में गैस का प्रेशर बढ़ना:
गर्मियों में जब तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है, तो CNG सिलेंडर में मौजूद गैस का प्रेशर बहुत बढ़ जाता है। इससे सिलेंडर में लीकेज या ब्लास्ट का खतरा पैदा हो सकता है।
2. घटिया या लोकल किट इंस्टॉलेशन:
बहुत से लोग सस्ती कीमत में लोकल CNG किट लगवा लेते हैं, जिनमें सुरक्षा मानकों का पालन नहीं होता। यह लापरवाही आग का कारण बनती है।
3. लीकिंग पाइपलाइन और ढीली फिटिंग्स:
यदि पाइपलाइन या वाल्व से CNG गैस का मामूली सा रिसाव हो रहा हो और वह गर्मी या चिंगारी के संपर्क में आ जाए, तो आग लग सकती है।
4. इलेक्ट्रिकल वायरिंग में शॉर्ट सर्किट:
कार की बैटरी या वायरिंग सिस्टम में शॉर्ट सर्किट भी आग का बड़ा कारण है, खासकर जब वायरिंग पुरानी या खराब हो।
5. नियमित सर्विसिंग की कमी:
समय-समय पर CNG सिस्टम की जांच नहीं कराना भी आग लगने की संभावना बढ़ाता है।
6. CNG कार को ज़रुरत से ज़्यादा मॉडिफाई करवाना
CNG सिस्टम एक हाई-प्रेशर सिस्टम होता है। अगर किसी लोकल गैरेज में बिना मानकों के मॉडिफाई किया गया, तो गैस लीक, ब्लास्ट या आग का खतरा बढ़ जाता है। वही CNG कार को ज्यादा मॉडिफाई करवाने से कार के इंजन, माइलेज पर भी असर पड़ता है जिससे CNG कार में आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।
इन उपायों से करें बचाव:
- IS-रेटेड और प्रमाणित CNG किट ही लगवाएं।
- हर 3-6 महीने में किट, सिलेंडर और पाइपलाइन की जांच जरूर कराएं।
- कार को सीधी धूप में लंबे समय तक पार्क न करें।
- कार के अंदर फायर एक्सटिंग्विशर जरूर रखें।
- गैस की हल्की गंध महसूस हो तो तुरंत गाड़ी बंद करें और प्रोफेशनल मैकेनिक को दिखाएं।
- गाड़ी की वायरिंग और बैटरी कनेक्शन की नियमित जांच कराएं।
CNG कारें पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प हैं, लेकिन इनकी देखभाल और सुरक्षा में थोड़ी भी लापरवाही गंभीर दुर्घटनाओं में बदल सकती है। खासकर गर्मियों में सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है। वही इन बचावों को अपनाकर आप अपनी कार को आग लगने से बचा सकते हैं।