आजकल तकनीक जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराधी भी अपने तरीके अपडेट कर रहे हैं। अगर आप सोचते हैं कि आपका ATM कार्ड बैग या वॉलेट में सुरक्षित है और तभी पैसे निकाले जा सकते हैं जब आप उसे इस्तेमाल करें—तो ज़रा रुकिए! अब चोर आपके कार्ड को छुए बिना ही आपकी जेब ढीली कर सकते हैं।
कैसे होता है ये हाईटेक फ्रॉड?
NFC (Near Field Communication) तकनीक से चोरी
कई डेबिट और क्रेडिट कार्ड अब ‘कॉन्टैक्टलेस पेमेंट’ यानी NFC सुविधा के साथ आते हैं। इसका मतलब है कि कार्ड को स्वाइप या इंसर्ट किए बिना, केवल मशीन के पास लाकर भी पेमेंट हो सकता है — ₹5000 तक की सीमा तक बिना पिन के!
ठग इस तकनीक का दुरुपयोग करते हुए स्किमिंग डिवाइस या NFC रीडर लेकर भीड़-भाड़ वाली जगहों (मेट्रो, मॉल, मार्केट आदि) में चलते हैं। जब आप उनके पास से गुजरते हैं, वे आपके बैग या जेब के पास रीडर ले जाकर आपके कार्ड की डिटेल स्कैन कर लेते हैं और पेमेंट ट्रिगर कर सकते हैं।
किस तरह के कार्ड होते हैं ज़्यादा रिस्क में?
- जिन कार्ड में सामने की तरफ Wi-Fi जैसा सिंबल बना होता है, वे कॉन्टैक्टलेस कार्ड होते हैं।
- यदि आपने NFC पेमेंट एक्टिवेट कर रखा है, तो बिना ओटीपी और बिना पिन के लेन-देन हो सकता है।
कैसे बचें इस चोरी से?
- NFC फीचर बंद करें:
- अपने बैंक के ऐप या कस्टमर केयर के माध्यम से NFC या कॉन्टैक्टलेस पेमेंट फीचर को डिसेबल करें।
- RFID प्रोटेक्टेड वॉलेट या कार्ड होल्डर का इस्तेमाल करें:
- ये वॉलेट आपके कार्ड से निकलने वाले रेडियो सिग्नल को ब्लॉक कर देते हैं।
- SMS/Email अलर्ट एक्टिव रखें:
- हर ट्रांजेक्शन की सूचना तुरंत मिले, जिससे आप समय रहते कार्रवाई कर सकें।
- बेवजह कार्ड को एक्सपोज न करें:
- पब्लिक जगहों पर कार्ड जेब में रखने के बजाय सुरक्षित बैग में रखें।
- संदिग्ध ट्रांजेक्शन दिखे तो तुरंत कार्ड ब्लॉक करें और बैंक को सूचित करें।
आपका ATM कार्ड भले ही बैग में हो, लेकिन अगर उसमें NFC सुविधा चालू है और आप सतर्क नहीं हैं, तो चोर आपके बेहद करीब पहुंच सकते हैं—बिना किसी आहट के। समय रहते जागरूक हो जाएं, वरना तकनीक के इस खेल में आप भी शिकार बन सकते हैं।