Homeसक्सेस स्टोरीनेत्रहीन होने के बावजूद नही मानी हार, अपने दम पर की करोंड़ो की कंपनी खड़ी, शार्क टेंक शो में...

नेत्रहीन होने के बावजूद नही मानी हार, अपने दम पर की करोंड़ो की कंपनी खड़ी, शार्क टेंक शो में बनेंगे जज

Date:

Share post:

आज की सक्सेस स्टोरी में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहें है जो किसी पहचान की मौहताज नही है। जिसे उगता हुआ सूरज भी सलाम करता है। यह नाम एक ऐसी शख़्सियत का है जिसने अपनी लगन और कड़ी मेहनत से लोगों के दिलों पर अपनी अलग ही जगह बनाई है। इस शख़्सियत का नाम है “श्रीकांत बोला”।

श्रीकांत बोला का जन्म 7 जुलाई 1991 को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम के एक छोटे से गाँव सीतारामपुरम में हुआ था। यह एक साधारण किसान परिवार था, जहाँ खुशहाली और मेहनत का माहौल था। लेकिन जब श्रीकांत का जन्म हुआ, तो उनके माता-पिता और परिवार की खुशी उस वक्त मायूसी में बदल गई, जब पता चला कि वह जन्म से ही नेत्रहीन हैं। गाँव के कुछ लोगों ने तो यहाँ तक सलाह दे डाली कि, इस बच्चे को मार देना चाहिए, क्योंकि उनकी नजर में एक अंधे बच्चे का भविष्य अंधेरा ही था। लेकिन श्रीकांत के माता-पिता ने इस बात को ठुकरा दिया और अपने बेटे को प्यार और हिम्मत के साथ पालने का फैसला किया।

बचपन और शिक्षा की शुरुआत

श्रीकांत का बचपन आसान नहीं था। समाज की संकुचित सोच और सुविधाओं की कमी ने उनके सामने कई चुनौतियाँ खड़ी कीं। लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें कभी कमजोर नहीं समझा। उन्होंने श्रीकांत को सामान्य बच्चों की तरह स्कूल भेजा। श्रीकांत की बुद्धिमता और लगन ने जल्द ही सबको हैरान कर दिया। उन्होंने अपनी पढ़ाई में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया और 12वीं कक्षा में 98% अंक हासिल किए। उनका सपना था कि वह विज्ञान की पढ़ाई करें और कुछ बड़ा हासिल करें। लेकिन यहाँ भी उनके सामने एक बड़ी परेशानियां आई। भारतीय शिक्षा व्यवस्था ने उन्हें विज्ञान पढ़ने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि वह नेत्रहीन थे। यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका था, लेकिन श्रीकांत ने हार नहीं मानी। उन्होंने इस अन्याय के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी और आखिरकार जीत हासिल की।

सपनों का पीछा और MIT का सफर

श्रीकांत का अगला लक्ष्य था देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIT में दाखिला लेना। लेकिन यहाँ भी उन्हें निराशा हाथ लगी। IIT ने उन्हें दाखिला देने से मना कर दिया। यह उनके लिए एक और कठिन मोड़ था, लेकिन श्रीकांत ने इसे अपनी मंजिल का अंत नहीं माना। उन्होंने विदेश की ओर रुख किया और अमेरिका के मशहूर संस्थान मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में दाखिले के लिए आवेदन किया। उनकी प्रतिभा और जज्बे ने MIT को प्रभावित किया, और वह वहाँ के पहले अंतरराष्ट्रीय नेत्रहीन छात्र बने। MIT में उन्होंने ब्रेन एंड कॉग्निटिव साइंस और बिजनेस की पढ़ाई की। यहाँ से उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया।

बोलैंट इंडस्ट्रीज की स्थापना

MIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद श्रीकांत के पास बड़े पैकेज की नौकरी के कई ऑफर थे, लेकिन उनका सपना कुछ और था। वह अपने देश लौट आए और 2012 में हैदराबाद में “बोलैंट इंडस्ट्रीज” की स्थापना की। इस कंपनी का उद्देश्य था पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद बनाना और उन लोगों को रोजगार देना, जो अशिक्षित या दिव्यांग हैं। श्रीकांत का मानना था कि समाज में बदलाव तभी आएगा, जब हर किसी को सम्मान और अवसर मिलेगा। उनकी मेहनत रंग लाई और उनकी कंपनी तेजी से बढ़ने लगी। 2016 में देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने बोलैंट इंडस्ट्रीज में निवेश किया, जिसने इसकी सफलता को और ऊँचाइयों तक पहुँचाया। आज यह कंपनी करोड़ों की संपत्ति वाली एक सफल कंपनी है।

निजी जीवन और प्रेरणा

श्रीकांत की जिंदगी में प्यार भी आया। उनकी मुलाकात स्वाति नाम की एक लड़की से हुई, जो उनकी ताकत और सादगी से प्रभावित हुई। स्वाति ने श्रीकांत को उनकी कमजोरी के लिए नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व के लिए पसंद किया। 2022 में दोनों ने शादी कर ली। श्रीकांत का कहना है कि स्वाति उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं, जो उनके हर कदम पर साथ देती हैं।

एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

श्रीकांत बोला की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहता है। उन्होंने साबित किया कि सपने देखने के लिए आँखों की जरूरत नहीं होती, बल्कि हौसले और मेहनत की जरूरत होती है। आज वह न सिर्फ एक सफल बिजनेसमैन हैं, बल्कि समाज के लिए एक मिसाल भी हैं। उनकी जिंदगी पर बनी फिल्म “श्रीकांत” 2024 में रिलीज़ हुई थी। इसमें अभिनेता राजकुमार राव ने उनके किरदार को बखूबी निभाया, जिसने उनकी कहानी को दुनिया भर में पहुँचाया।

श्रीकांत बोला का मानना है, “चुनौतियाँ ही अवसर होती हैं।” और यही सोच उन्हें हर मुश्किल से पार लेकर आई। उनकी यह कहानी हमें सिखाती है कि अगर मन में विश्वास और मेहनत करने का जज्बा हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। वही खबरों की माने तो, शार्क टैंक इंडिया के नए जज बनेंगें श्रीकांत जो अपनी उद्यमशीलता यात्रा और बोलैंट इंडस्ट्रीज की स्थापना के लिए जाने जाते हैं, अब लोकप्रिय बिजनेस रियलिटी शो “शार्क टैंक इंडिया” के जज हैं।

Related articles

Eid-ul-Adha 2025: बकरीद की दावत में बनाएं ये 5 लाजवाब पकवान, मेहमान करेंगे तारीफों की बारिश!

बकरीद यानी Eid-ul-Adha सिर्फ कुर्बानी का त्योहार ही नहीं, बल्कि एक खुशियों और स्वाद का भी पर्व है।...

JAC 11th Result 2025: झारखंड बोर्ड कभी भी कर सकता है 11वीं का परिणाम घोषित, 12वीं आर्ट्स के नतीजे हुए जारी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा कक्षा 11वीं के परिणाम जून 2025 के अंत तक घोषित किए जाने की...

Relationship Tips: हमेशा आपको ही ठहराता है गलत? पार्टनर हो सकता है Emotionally Immature, ये 8 संकेत जरूर पहचानें!

रिश्ते दो लोगों के बीच समझ, इज्जत और भावनात्मक संतुलन पर टिके होते हैं। लेकिन अगर आपका पार्टनर...

Kashmir Tourism: अगर जा रहे हैं कश्मीर, तो इन 5 जगहों को न करें मिस – ट्रिप हो जाएगी यादगार!

भारत का स्वर्ग कहे जाने वाला कश्मीर अपनी बर्फीली वादियों, शांत झीलों और हरे-भरे मैदानों के लिए दुनिया...