विधु विनोद चोपड़ा की हालिया रिलीज़ फिल्म ’12वीं फेल’ ने दुनियाभर में दर्शकों का दिल जीत लिया है। फिल्म के मुख्य किरदार, जिसे विक्रांत मैसी ने शानदार तरीके से निभाया है, आईपीएस मनोज कुमार शर्मा के जीवन पर आधारित है। यह फिल्म उन संघर्षों और उपलब्धियों को दर्शाती है, जिनका सामना मनोज कुमार शर्मा ने अपने आईपीएस बनने के सफर में किया।
आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की प्रेरणादायक कहानी:
मनोज कुमार शर्मा का जन्म 1977 में मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के बिलगांव में हुआ था। उनके पिता कृषि विभाग में काम करते थे और परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। स्कूली शिक्षा के दौरान, शर्मा का प्रदर्शन औसत था और वे नौवीं और दसवीं कक्षा में थर्ड डिवीजन प्राप्त कर पाए थे। 12वीं कक्षा में वे फेल हो गए, लेकिन उनका संकल्प अडिग था।
मनोज कुमार शर्मा ने 12वीं कक्षा को दोबारा पास किया और यूपीएससी की तैयारी करने के लिए उन्होंने टेम्पो ड्राइवर और लाइब्रेरियन के रूप में काम किया। आर्थिक कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद, उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ।
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यूपीएससी परीक्षा में सफलता:
चौथे प्रयास में, आईपीएस मनोज कुमार शर्मा ने यूपीएससी परीक्षा पास की और 121वीं रैंक प्राप्त की। उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में सफलता दिलाई। आज वे मुंबई पुलिस में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर तैनात हैं, और उन्हें ‘सिंघम’ और ‘सिम्बा’ जैसे उपनाम प्राप्त हुए हैं, जो उनकी काम के प्रति शक्ति और समर्पण को दर्शाते हैं।
प्रेम कहानी और जीवन साथी:
फिल्म में आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की प्रेम कहानी और उनके जीवन साथी आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी शर्मा की भूमिका को भी दिखाया गया है। श्रद्धा ने उनकी यूपीएससी की तैयारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें प्रेरित किया। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह मनोज और श्रद्धा ने एक-दूसरे का समर्थन किया और कठिन परिस्थितियों में भी एक-दूसरे के साथ खड़े रहे।
मनोज कुमार शर्मा की कहानी एक जीवंत उदाहरण है कि कैसे दृढ़ संकल्प, मेहनत और समर्थन से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
मनोज कुमार शर्मा की प्रेरणादायक कहानी ने उन्हें एक आदर्श रूप में प्रस्तुत किया है। उनकी सफलता की कहानी ने यह साबित किया है कि सच्चे संकल्प और मेहनत से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।
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फिल्म ’12वीं फेल’ में उनकी जीवन यात्रा को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी के संघर्षों और सफलताओं को दिखाया गया है। फिल्म ने उनकी यात्रा को एक प्रेरणादायक कथा के रूप में प्रस्तुत किया है, जो दर्शकों को प्रेरित करती है।
आईपीएस मनोज कुमार शर्मा की कहानी एक उदाहरण है कि जीवन की कठिनाइयों और असफलताओं के बावजूद, अगर सही दिशा और समर्पण के साथ प्रयास किया जाए, तो सफलता संभव है।