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Success Story IPS Manoj Sharma: फेलियर से आईपीएस तक का सफर: मनोज कुमार शर्मा की कहानी हर युवा के लिए है प्रेरणा

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ज़िंदगी में असफलताओं से हार मानने वालों के लिए आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा की कहानी एक मिसाल है। एक ऐसा शख्स जो कभी 12वीं क्लास में तीन विषयों में फेल हुआ, ऑटो रिक्शा चलाया, लाइब्रेरी में झाड़ू लगाया, लेकिन अपने सपने को कभी मरने नहीं दिया — और आखिरकार बन गया भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का अधिकारी।

 शुरुआत संघर्ष से

मनोज कुमार शर्मा का जन्म मुरैना, मध्यप्रदेश के एक साधारण परिवार में हुआ। आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें कॉलेज के दिनों में ऑटो रिक्शा चलाना पड़ा और लाइब्रेरी में झाड़ू लगाने का काम करना पड़ा। लेकिन इस बीच उनका सपना था – “एक दिन बड़ा अफसर बनना”।

पढ़ाई में विफल, जीवन में सफल

12वीं कक्षा में वे तीन विषयों में फेल हो गए। समाज और रिश्तेदारों ने उन्हें नकार दिया, लेकिन उन्होंने खुद पर भरोसा नहीं खोया। उन्होंने हार मानने की बजाय अपने आप को सुधारने की ठानी। अगर सपने सच्चे हों और इरादे पक्के हों, तो हालात कितने भी बुरे हों, रास्ते बन जाते हैं”  यही उनके जीवन का मूल मंत्र बना।

 IPS बनने का सफर

मनोज ने यूपीएससी की तैयारी की शुरुआत दोस्तों की मदद से और सरकारी लाइब्रेरी में किताबें पढ़कर की। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के UPSC की परीक्षा पास की और 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी बने। उनका चयन हुआ तो सबसे पहले उन्होंने उन लोगों को धन्यवाद कहा जिन्होंने उनका मज़ाक उड़ाया – क्योंकि वही उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा बन गए।

 फिल्म बनी – “12वीं फेल”

उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म “12वीं फेल ने लाखों युवाओं को उम्मीद दी है। इस फिल्म को डायरेक्टर विद्यु विनोद चोपड़ा ने बनाया है और इसमें मनोज शर्मा का किरदार अभिनेता विकरण मैसी ने निभाया है। फिल्म को खूब सराहना मिली और युवाओं में फिर से यूपीएससी की चिंगारी जगी।

 मनोज शर्मा का संदेश:

हार मानना विकल्प नहीं है। मेहनत करते रहो, समय बदलेगा और इतिहास बनेगा।” मनोज कुमार शर्मा की कहानी बताती है कि जिंदगी में असफलता एक पड़ाव है, मंज़िल नहीं। अगर आपमें जज़्बा है, तो कोई भी हालात आपको रोक नहीं सकते। वो आज लाखों युवाओं के आदर्श हैं, जो सिर्फ एक अधिकारी नहीं, एक संघर्ष की मिसाल हैं।

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