रायपुर की कविता देव, पहले एक गृहिणी, अब मिलेट माँ! सब्जी जूस की बजाय उन्होंने जैविक खेती का समर्थन किया, जिससे करोड़ों का सफर तय किया है।
रायपुर की कविता देव आज ‘मिलेट माँ’ के रूप में मशहूर हैं। उनके 12 एकड़ के खेतों में न केवल फल-सब्जियां और मिलेट्स उगते हैं, बल्कि वहां से अनेक अन्य उत्पाद भी बनते हैं। उनकी यात्रा हमें प्रेरित करती है। कविता ने हमेशा अपने बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी, उन्हें ताजा सब्जियों का रस पिलाया। लेकिन एक दिन उन्हें यह जानकर चौंकाने वाला अनुभव हुआ कि वह जो स्वस्थ समझ रही थीं, वास्तव में हानिकारक था। इसके बाद, उन्होंने जूस बनाना बंद कर और खुद की जैविक सब्जियों की खेती शुरू की। चार साल के परिश्रम के बाद, उनकी मेहनत ने उन्हें ज़्यादा ज़मीन खरीदने पर मजबूर किया
इस तरह बनी मिलेट माँ
कविता ने धीरे-धीरे अपने खेतों में सब्जियां और अनाज की खेती शुरू की। उन्होंने यह सपना देखा कि उनके परिवार के साथ ही दूसरे लोगों तक भी स्वस्थ और प्राकृतिक खाने का संदेश पहुंचे। उन्होंने मिलेट से डोसा, इडली, और उपमा जैसे प्रोडक्ट्स तैयार किए। इस काम से उन्होंने सालाना 5 लाख से अधिक का टर्नओवर किया है और अपने परिवार को साथ ही अन्य लोगों को भी स्वस्थ जीवन जीने में मदद की है।