वही व्यक्ति अपने लक्ष्य तक पहुंच सकता है जो किसी प्रलोभन में फंस कर रुकता नहीं है। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार पुराने समय में एक राजा की कोई संतान नहीं थी, वह बूढ़ा हो गया तो इस बात की चिंता होने लगी कि मेरे बाद इस राज्य को कौन संभालेगा?
राजा ने अपने गुरु से पूछा इस समस्या का हल पूछा। गुरु ने कहा कि राजन् अपनी प्रजा में से किसी योग्य व्यक्ति को उत्तराधिकारी बना देना चाहिए। ये बात राजा को समझ आ गई, उसने अपने मंत्री से कहा कि प्रजा के बीच ये घोषणा करवा दें कि कल जो भी व्यक्ति सूर्यास्त से पहले मुझसे मिलने राज महल तक आ जाएगा, उसे इस राज्य का उत्तराधिकारी घोषित किया जाएगा। ये बात सुनकर मंत्री ने कहा कि महाराज ये तो बहुत ही आसान है, पूरी प्रजा ही राजा बनने के लिए यहां पहुंच जाएगी।