Homeसक्सेस स्टोरीराजस्थान में सड़क पर झाड़ू लगाने वाली आशा बनीं RAS अफसर, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा की मिसाल

राजस्थान में सड़क पर झाड़ू लगाने वाली आशा बनीं RAS अफसर, महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा की मिसाल

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कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती। राजस्थान की आशा कुमारी ने इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है। कभी नगर निगम में सफाईकर्मी के रूप में सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली आशा आज RAS (राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) अफसर बन गई हैं। उनकी यह सफलता लाखों महिलाओं और संघर्षरत युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है।

सफाई से सेवा तक का सफर

आशा कुमारी का जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था। आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने नगर निगम में सफाईकर्मी की नौकरी स्वीकार की ताकि परिवार की मदद कर सकें। दिनभर की मेहनत के बाद वह रात में पढ़ाई करती थीं। तमाम मुश्किलों और सामाजिक तानों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।

खुद से किया वादा, मेहनत से बदली तकदीर

आशा की शादी 1997 में हुई थी, उनका  एक बेटा ऋषभ और एक बेटी पल्लवी है. शादी के पांच साल बाद घरेलू झगड़ों के चलते आशा का तलाक हो गया था. इसके बाद भी आशा ने हिम्मत नहीं हारी और अपने दोनों बच्चों की परवरिश के साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रखी.

 आशा ने खुद से एक वादा किया था “सिर्फ झाड़ू ही नहीं, कागज़-पेन भी चलाऊंगी।” इसी संकल्प के साथ उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की परीक्षा की तैयारी शुरू की। कई बार असफल होने के बाद आखिरकार इस साल उनका नाम RAS 2025 की मेरिट लिस्ट में शामिल हुआ।

परिवार और समाज की सोच बदली

उनकी इस सफलता से न केवल उनके परिवार की किस्मत बदली है, बल्कि उन्होंने समाज की उस सोच को भी चुनौती दी है जो मानता है कि सीमित संसाधनों वाली महिलाएं बड़े सपने नहीं देख सकतीं। आज आशा महिलाओं के लिए सशक्तिकरण की प्रतीक बन चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने की तारीफ

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आशा कुमारी की सफलता पर ट्वीट कर उन्हें बधाई दी और कहा,
आशा ने दिखा दिया कि मेहनत और हौसले के आगे कोई भी रुकावट बड़ी नहीं होती। वह आज पूरे राजस्थान की बेटियों के लिए प्रेरणा हैं। आशा कुमारी की कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि उस हर इंसान की है जो सपने देखने की हिम्मत रखता है। उन्होंने साबित कर दिया कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, और बड़ा सपना देखने का हक हर किसी को है।

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