जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ नेता केल्लडका प्रभाकर भट ने केरल में हिंदू समुदाय से आत्मरक्षा के लिए अपने घरों में तलवारें और चाकू रखने का आह्वान किया है। उन्होंने यह बयान केरल के कासरगोड जिले के मन्जेश्वरम के वर्काडी में एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
भट ने कहा, “हर हिंदू घर में एक तलवार होनी चाहिए। अगर पहलगाम हमले के दौरान हिंदुओं ने तलवार दिखाई होती, तो वह काफी होता।” उन्होंने महिलाओं से भी आग्रह किया कि वे अपने वैनिटी बैग में चाकू रखें, यह कहते हुए कि छह इंच तक के चाकू के लिए लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती।
उन्होंने आगे कहा, “अगर आप सूर्यास्त के बाद बाहर हैं, तो हमले की संभावना रहती है। हमलावरों से विनती करने के बजाय, चाकू दिखाएं, वे भाग जाएंगे।” भट ने यह भी कहा कि पहले हिंदू-मुस्लिम झड़पों के दौरान हिंदू भाग जाते थे, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
भट के इस बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। हालांकि, पुलिस या प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है।
भट के इस बयान ने देश में आत्मरक्षा और हथियार रखने की वैधता पर एक नई बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे आत्मरक्षा के अधिकार के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे समाज में हिंसा और असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाला बयान मान रहे हैं।
इस बीच, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की है और इसे धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई बताया है। देश में बढ़ते तनाव और इस तरह के बयानों के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और समाज इस स्थिति से कैसे निपटते हैं।