इजरायल और फिलिस्तीनी क्षेत्रों की प्रस्तावित शांति यात्रा से ठीक दो दिन पहले फ्रांस के 27 सांसदों और स्थानीय प्रतिनिधियों को एक बड़ा झटका लगा है। इन सभी नेताओं को सूचित किया गया है कि उनके वीजा रद्द कर दिए गए हैं। यह निर्णय इजरायल सरकार की ओर से लिया गया है, जिससे कूटनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
इस प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य था क्षेत्र में मानवीय स्थिति का जायजा लेना और इजरायल तथा फिलिस्तीनी नेतृत्व के साथ संवाद स्थापित करना। फ्रांसीसी सांसदों ने इस यात्रा को “शांति और सहयोग की पहल” बताया था।
क्यों हुआ वीजा रद्द?
सूत्रों के मुताबिक, कुछ सांसदों के बयान और गतिविधियाँ, जिन्हें इजरायल विरोधी माना गया था, इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण हो सकती हैं। हालांकि, इजरायली अधिकारियों ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
फ्रांस की प्रतिक्रिया:
फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय ने इस फैसले पर असहमति जताई है और कहा है कि यह कदम दोनों देशों के लोकतांत्रिक मूल्यों और आपसी संवाद की भावना के विपरीत है। वहीं सांसदों का कहना है कि यह “न्याय और पारदर्शिता” के प्रयास को दबाने की कोशिश है।
खबरों की मानें तो, यह घटना फ्रांस और इजरायल के बीच रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती है, खासकर ऐसे समय में जब गाजा और वेस्ट बैंक में हालात बेहद संवेदनशील बने हुए हैं।