भारत का सबसे अमीर गांव गुजरात में है, जहां सभी सुविधाएं मौजूद हैं. 24 घंटे बिजली रहती है. इस गांव में कई बड़े बैंक हैं. एक बड़ा अस्पताल है. बच्चों की पढ़ाई के लिए एक मॉडर्न डिजिटल स्कूल है. इस गांव में वर्ल्डक्लास सुविधाएं मौजूद हैं. इस गांव के ज्यादातर लोग करोड़पति हैं. ये न सिर्फ भारत का बल्कि, पूरी दुनिया का सबसे अमीर गांव है.
भारत अपनी विविधता और परंपरा के लिए जाना जाता है, लेकिन गुजरात का एक गांव अपनी शान-ओ-शौकत और वर्ल्डक्लास सुविधाओं के कारण दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है. यह गांव है माधापार (Madhapar), जिसे आज दुनिया का सबसे अमीर गांव कहा जाता है.
माधापार गांव की खासियत यह है कि यहां रहने वाले ज्यादातर लोग करोड़पति हैं. गांव में 24 घंटे बिजली की सुविधा, कई राष्ट्रीयकृत और प्राइवेट बैंक, एक बड़ा अस्पताल, और बच्चों के लिए मॉडर्न डिजिटल स्कूल मौजूद है. यहां की सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्चर भी किसी शहर से कम नहीं है.
इस गांव की कुल जनसंख्या अब लगभग 92,000, यानी लगभग एक लाख है. इस गांव में 7,600 घर हैं. इस गांव में एक-दो नहीं बल्कि 17 बैंक ब्रांच हैं. माधापार गांव की आर्थिक स्थिति भी बेहद मजबूत है. गांव के लोगों ने इन बैंकों में 5 हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा जमा किए हुए हैं. इतनी बड़ी रकम बड़े से बड़े शहरों में भी कमी से बैंकों में जमा होती है.
जानकारी के अनुसार, माधापार गांव के लोग बड़े पैमाने पर विदेशों में बसे हुए हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत से करोड़ों की संपत्ति बनाई और अपने गांव को भी समृद्ध बनाया. गांव की पंचायत और ट्रस्ट की बदौलत यहां विकास की गति लगातार बनी हुई है. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, अफ्रीका और खाड़ी देशों में इन लोगों के उद्योग फल-फूल रहे हैं, लेकिन यहां के लोग अपने गांव को नहीं भूले और ये प्रवासी भारतीय, हर महीने अपने परिवारों को बड़ी रकम भेजते हैं. यह लोग गांव के विकास में भी बड़ा योगदान दे रहो हैं. वह गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और सामाजिक कामों में काफी मदद करते हैं. इस गांव को मॉडर्न बनाने में इन लोगों की बड़ी भूमिका रही है.
आज माधापार सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे अमीर गांव कहलाता है. यहां का जीवन स्तर किसी भी आधुनिक शहर से बेहतर है, और यही वजह है कि यह गांव पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गया है.
इस गांव में शहरों से बेहतर सुविधाएं
माधापार में स्कूल, कॉलेज, बैंक, हेल्थ सेंटर, बगीचे, सड़कें और ऐसी सुविधाएं हैं, जो किसी भी बड़े से बड़े शहर को फेलकर देंगी. इस गांव के लोगों का लाइफस्टाइल और सुविधाएं शहर से भी काफी बेहतर हैं. महात्मा गांधी के “चलो गांव चलें” के मंत्र में थोड़े से बदलाव के साथ यह गांव तेजी से शहर से आगे निकल गया है. जिसमें वह यह संदेश देना चाहते थे कि भारत की असली ताकत गांवों में है.