जम्मू-कश्मीर विधानसभा का मौजूदा सत्र मंगलवार को भी हंगामेदार रहा। वक्फ कानून में संशोधन को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स कांफ्रेंस के विधायकों के बीच जमकर झड़प हुई। सदन में माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि कार्यवाही को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड के संचालन और प्रबंधन में बदलाव से संबंधित विधेयक पर चर्चा चल रही थी। नेकां विधायकों ने आरोप लगाया कि यह संशोधन “धार्मिक संस्थाओं पर सरकार का सीधा नियंत्रण स्थापित करने” की कोशिश है, जबकि पीपुल्स कांफ्रेंस के सदस्यों ने इसे “पारदर्शिता और जवाबदेही” की दिशा में एक जरूरी कदम बताया।
बात बहस से आगे बढ़कर शब्दों की तीखी नोकझोंक तक पहुंच गई और कुछ विधायकों ने एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणियां भी कर दीं। हालात को काबू में लाने के लिए स्पीकर को बीच में हस्तक्षेप करना पड़ा।
इस बीच, सरकार का कहना है कि वक्फ संपत्तियों की सुनियोजित निगरानी और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ये बदलाव जरूरी हैं। हालांकि विपक्ष इस तर्क से सहमत नहीं है और इस मुद्दे पर आमजन की भावनाओं को भी जोड़कर विरोध जता रहा है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में सरकार इस विवादित बिल पर क्या रुख अपनाती है और क्या दोनों पक्ष किसी समाधान पर पहुंचते हैं या नहीं।