बदलती जीवनशैली, घर के अंदर रहने की आदत और धूप से दूरी, ये सभी कारण बनते जा रहे हैं विटामिन-D (Vitamin-D) की कमी के। विशेषज्ञों का कहना है कि आज के दौर में 70% से अधिक लोगों में विटामिन-D की कमी पाई जा रही है, जो शरीर में कई गंभीर बीमारियों की जड़ बन सकती है।
Vitamin-D क्यों है ज़रूरी?
विटामिन-D एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण में मदद करता है। यह हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
Vitamin-D की कमी से होने वाली समस्याएं:
- हड्डियों में कमजोरी और दर्द
- यह रिकेट्स, ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ा सकता है।
- थकान और कमजोरी
- दिनभर सुस्ती और लो एनर्जी महसूस होना इसका संकेत हो सकता है।
- मूड स्विंग और डिप्रेशन
- रिसर्च में पाया गया है कि Vitamin-D की कमी मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है।
- बाल झड़ना और स्किन प्रॉब्लम्स
- बालों का असामान्य रूप से झड़ना, स्कैल्प का ड्राय होना भी इससे जुड़ा हो सकता है।
- इम्यूनिटी का कमजोर होना
- बार-बार सर्दी-खांसी या वायरल इंफेक्शन होना इसके लक्षण हो सकते हैं।
कैसे पहचानें कि आपको Vitamin-D की कमी है?
- ब्लड टेस्ट (25-hydroxy vitamin D test) से इसका स्तर पता किया जा सकता है।
- अगर इसका लेवल 20 ng/ml से कम है, तो आपको सप्लिमेंट या जीवनशैली में बदलाव की जरूरत है।
कमी को पूरा करने के उपाय:
- सुबह की धूप में 15–20 मिनट बिताएं (सुबह 8 से 10 बजे के बीच)
- विटामिन-D युक्त आहार लें, जैसे: अंडे की ज़र्दी, फोर्टिफाइड दूध, मशरूम, फैटी फिश (सैल्मन, टूना)
- डॉक्टर की सलाह से सप्लिमेंट लें
डॉक्टर्स का कहना है कि Vitamin-D की कमी को नजरअंदाज करना भविष्य में गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इसे लेकर और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
“धूप से न डरें, उसे अपनाएं।” Vitamin-D की पूर्ति न सिर्फ आपकी हड्डियों को मजबूत बनाएगी, बल्कि पूरे शरीर की कार्यक्षमता को भी बेहतर करेगी। समय रहते जांच कराएं और सही कदम उठाएं – क्योंकि सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।