बिहार चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है वैसै सभी पार्टियों में काफी हलचल हो रही है, पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। वही सत्ता सम्मेलन बिहार’ में रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला और उन्होंने उनके सामने 2 चुनौती भी दे डाली। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर तेजस्वी यादव मैट्रिक पास कर लेंगे जनसुराज पार्टी वापस ले लेंगे और उन्हें अपना नेता मान लेंगे. साथ ही यह भी चुनौती दी कि जिन 5-6 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी है, उनके नाम और पता जाहिर कर दिए जाएं।
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की शिक्षा को लेकर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं है कि वे नौंवी फेल हैं या 14वीं. मैं ऐसा क्यों कह रहा हूं पहले इसे समझना होगा. कई बार सामाजिक और राजनीतिक परिवेश की वजह से मौका नहीं मिलता कि आप कोई औपचारिक पढ़ाई कर सके. ये मुझे भी पता है।
वही प्रशांत किशोर ने कहा, “तेजस्वी यादव मैट्रिक पास नहीं हो सकते। लालू यादव के परिवार में कोई भी पढ़ाई में आगे नहीं बढ़ा है। जिस समाज में एक आम युवा को सिपाही बनने के लिए 5-6 साल संघर्ष करना पड़ता है, वहां कोई सिर्फ किसी के बेटा होने की वजह से नेता बन जाए – ये स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
तेजस्वी यादव पर निजी हमला नहीं, शिक्षा पर सवाल:
PK ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई व्यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि लालू परिवार और राजद की शिक्षा को लेकर सोच पर सवाल है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के हाथ में बिहार की सत्ता है, उनकी सोच अगर शिक्षा-विरोधी है तो इससे राज्य का भविष्य कैसे सुधरेगा?
राजनीतिक माहौल गरम:
PK की इस टिप्पणी के बाद बिहार की सियासत में गर्मी बढ़ गई है। राजद नेताओं ने इसे तेजस्वी यादव का अपमान बताया है, जबकि जनसुराज समर्थकों ने इसे ‘सच का आईना’ कहा है।