भारत एक बार फिर इतिहास रचाने की दहलीज पर है। राकेश शर्मा के बाद अब भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की उड़ान भरने जा रहे हैं। कल वह अमेरिकी कंपनी SpaceX के Dragon क्रू मिशन के तहत अंतरिक्ष के लिए रवाना होंगे। इस मिशन को नासा और इसरो के सहयोग से अंजाम दिया जा रहा है।
यह मिशन भारत के लिए ‘राकेश शर्मा मोमेंट’ की तरह है, जब 1984 में राकेश शर्मा ने सोयूज टी-11 के ज़रिए अंतरिक्ष में कदम रखा था। 40 वर्षों बाद शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले नए चेहरे बनेंगे।
मिशन की खास बातें:
- शुभांशु शुक्ला Crew Dragon Freedom स्पेसक्राफ्ट में चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ रवाना होंगे।
- प्रक्षेपण Kennedy Space Center, Florida से किया जाएगा।
- मिशन का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक प्रयोग और तकनीकी परीक्षण करना है।
- कुल 180 दिनों के इस मिशन में शुभांशु शुक्ला खासतौर पर जीवविज्ञान, माइक्रोग्रैविटी फिजिक्स और मेडिकल साइंस से जुड़े प्रयोग करेंगे।
शुभांशु शुक्ला कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के रहने वाले शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के पायलट रह चुके हैं। बाद में उन्हें इसरो के मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए चुना गया। इस मिशन से पहले वह अंतरराष्ट्रीय अनुभव के तहत इस SpaceX मिशन में जा रहे हैं।
भारत के लिए गर्व का पल:
रक्षा मंत्री ने कहा— “यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह मिशन हमारे अंतरिक्ष विज्ञान में बढ़ती भागीदारी का प्रतीक है। शुभांशु शुक्ला को पूरे देश की शुभकामनाएं हैं। ” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर शुभांशु शुक्ला को ‘भारत का नया अंतरिक्ष दूत’ बताया है।
अंतरिक्ष मिशन का महत्व:
इस मिशन के ज़रिए भारत वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग में अपनी भूमिका और मजबूत कर रहा है। साथ ही, गगनयान मिशन से पहले इस अनुभव का लाभ भारतीय टीम को मिलेगा।
लॉन्च विंडो:
11 जून 2025, भारतीय समयानुसार रात 11:30 बजे लॉन्च विंडो खुलने की संभावना है। लॉन्च का लाइव प्रसारण नासा और इसरो दोनों के प्लेटफॉर्म्स पर किया जाएगा।