स्ट्रेस यानी तनाव, आज के समय का सबसे साइलेंट किलर बन चुका है। हम इसे केवल मानसिक परेशानी समझकर अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि स्ट्रेस शरीर के अंदर कई गंभीर बदलाव लाता है – जिनका असर न सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य पर बल्कि हार्ट, लीवर, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि आपको लगातार थकान, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी या पेट से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं, तो हो सकता है कि स्ट्रेस शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचा रहा हो।
डॉक्टरों के अनुसार ये हैं 2 जरूरी टेस्ट:
- कोर्टिसोल लेवल टेस्ट (Cortisol Test):
- कोर्टिसोल को ‘स्ट्रेस हार्मोन’ कहा जाता है।
- जब व्यक्ति तनाव में होता है तो शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है।
- ब्लड, यूरीन या सलाइवा टेस्ट से इसका पता लगाया जा सकता है।
- CRP टेस्ट (C-Reactive Protein Test):
- यह टेस्ट शरीर में चल रही सूजन (inflammation) का संकेत देता है।
- स्ट्रेस के कारण इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है जिससे सूजन की संभावना बढ़ जाती है।
- CRP का लेवल बढ़ा हुआ मिलना, क्रॉनिक स्ट्रेस या अंदरूनी तनाव का संकेत हो सकता है।
डॉक्टरों की सलाह:
- लंबे समय तक अनदेखा किया गया स्ट्रेस डायबिटीज, हाई BP, थायरॉइड और हार्ट डिजीज तक का कारण बन सकता है।
- समय पर इन दो टेस्ट्स से न केवल तनाव की स्थिति को मापा जा सकता है बल्कि इलाज की दिशा भी तय की जा सकती है।
- योग, मेडिटेशन, नींद और हेल्दी लाइफस्टाइल तनाव को कंट्रोल करने के सबसे असरदार उपाय हैं।