भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार, 13 मई 2025 को अचानक गिरावट देखने को मिली, जिससे निवेशकों में चिंता की लहर दौड़ गई। कल तक तेजी से बढ़ते बाजार में आज आई इस गिरावट ने प्रमुख आईटी कंपनियों जैसे टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस, टेक महिंद्रा और विप्रो के शेयरों को प्रभावित किया।
बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण
- अमेरिकी व्यापार नीति में अनिश्चितता: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संभावित पुनः चुनाव और उनकी व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता ने भारतीय आईटी कंपनियों पर दबाव डाला है, जो अपने राजस्व का बड़ा हिस्सा अमेरिकी बाजार से प्राप्त करती हैं।
- अमेरिकी मुद्रास्फीति और फेडरल रिजर्व की नीति: अमेरिका में उच्च मुद्रास्फीति दर के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है, जिससे वैश्विक आर्थिक विकास पर असर पड़ सकता है और आईटी सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है।
- ब्रोकरेज फर्मों द्वारा डाउनग्रेड: मॉर्गन स्टेनली ने इंफोसिस की रेटिंग को ‘ओवरवेट’ से ‘इक्वल-वेट’ में डाउनग्रेड किया है, जिससे कंपनी के शेयरों में गिरावट आई है और पूरे आईटी सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
- वैश्विक बाजारों में कमजोरी: एशियाई बाजारों में गिरावट और अमेरिकी टेक कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन ने भारतीय बाजारों पर भी असर डाला है, जिससे निवेशकों में बेचैनी बढ़ी है।
प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS): शेयर मूल्य ₹3,442.20 तक गिरा, जो इसके 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹4,585.90 से लगभग 25% कम है।
- इंफोसिस: शेयर मूल्य ₹1,507.45 तक गिरा, जो इसके 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹2,006.80 से लगभग 25% कम है।
- टेक महिंद्रा: शेयर मूल्य ₹1,492.95 तक गिरा, जो इसके 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹1,807.40 से लगभग 17% कम है।
- विप्रो: शेयर मूल्य ₹282.90 तक गिरा, जो इसके 52-सप्ताह के उच्च स्तर ₹350.00 से लगभग 19% कम है।
वही वर्तमान में बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और दीर्घकालिक निवेश के दृष्टिकोण से मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में ही निवेश करें। वैश्विक आर्थिक संकेतकों और अमेरिकी नीतियों पर नजर बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि इनका प्रभाव भारतीय आईटी कंपनियों पर पड़ सकता है। इस समय बाजार की स्थिति को देखते हुए, निवेशकों को जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचना चाहिए और अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करके संतुलित निवेश रणनीति अपनानी चाहिए।