आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद एक लग्जरी बन गई है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए एक आवश्यकता है। पर्याप्त नींद की कमी कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है और आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
नींद की कमी और बीमारियों का संबंध
नींद की कमी सिर्फ थकान का कारण नहीं बनती, बल्कि यह आपके शरीर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है। नींद के दौरान, शरीर की कोशिकाएं और ऊतक मरम्मत करते हैं, और प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है।
नींद की कमी से होने वाली कुछ प्रमुख बीमारियां:
- हृदय रोग: नींद की कमी से उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
- मधुमेह: नींद की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।
- मोटापा: नींद की कमी भूख हार्मोन को प्रभावित करती है, जिससे आपको ज्यादा भूख लगती है और वजन बढ़ने लगता है।
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: नींद की कमी अवसाद, चिंता और तनाव का कारण बन सकती है।
- कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: पर्याप्त नींद न लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और आप संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं।
- स्मृति और एकाग्रता की कमी: नींद की कमी से ध्यान केंद्रित करने और याददाश्त में कमी आ सकती है, जिससे आपकी दैनिक गतिविधियों पर असर पड़ता है।
स्वस्थ रहने के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी?
विशेषज्ञों के अनुसार, आपकी उम्र के आधार पर नींद की आवश्यकता अलग-अलग होती है:
आयु वर्ग | अनुशंसित नींद (प्रति रात) |
नवजात शिशु (0-3 महीने) | 14-17 घंटे |
शिशु (4-11 महीने) | 12-15 घंटे |
टॉडलर (1-2 साल) | 11-14 घंटे |
प्री-स्कूलर (3-5 साल) | 10-13 घंटे |
स्कूल जाने वाले बच्चे (6-13 साल) | 9-11 घंटे |
किशोर (14-17 साल) | 8-10 घंटे |
वयस्क (18-64 साल) | 7-9 घंटे |
वृद्ध वयस्क (65+ साल) | 7-8 घंटे |