भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे हालात में दक्षिण एशिया में तनाव चरम पर है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को एक आपात बैठक में कहा,“हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन यदि ज़रूरत पड़ी तो जवाब देने के लिए सेना को पूरी छूट है।”
दूसरी ओर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और सऊदी अरब जैसे प्रमुख वैश्विक देशों से संवाद कर स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाई आत्मरक्षा में थी और आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि किसी राष्ट्र के खिलाफ।
पाकिस्तान की रणनीति: सीमाओं पर सेना अलर्ट मोड में
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सीमा से लगे क्षेत्रों में सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। शहबाज शरीफ ने अपने बयान में कहा: “हम तनाव नहीं बढ़ाना चाहते, लेकिन देश की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
डोभाल की कूटनीतिक पहल:
- अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से देर रात फोन पर बातचीत
- ब्रिटिश विदेश मंत्रालय को भारत का पक्ष रखा गया
- सऊदी अरब और फ्रांस से भी हुए संवाद – भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को ‘क्लीन स्ट्राइक ऑन टेरर नेटवर्क’ बताया
- संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधियों ने भी बैठक बुलाई
डोभाल ने कहा: “भारत की कार्रवाई पाकिस्तान की जमीन पर आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ थी, पाकिस्तान की जनता या संप्रभुता के खिलाफ नहीं।”
स्थिति की गंभीरता:
- एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी तेज
- राजनीतिक स्तर पर भारत-पाक के बीच संवाद शून्य
- संयुक्त राष्ट्र और OIC में पाकिस्तान की शिकायत की तैयारी
क्या हो सकता है आगे?
- पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई से बचते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों का सहारा ले सकता है
- भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख पर अडिग रहने वाला है
- यदि पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिकार हुआ, तो भारत फिर से सख्त सैन्य प्रतिक्रिया देने में नहीं हिचकेगा
अब जब सेना को छूट और कूटनीति को चेतावनी दोनों सामने आ चुके हैं, दक्षिण एशिया एक संतुलन के दौर से गुजर रहा है। दोनों देशों के बीच फिलहाल तनाव कम होने की संभावना बेहद कम है।