सावन का महीना शुरू होते ही देशभर में शिवभक्ति का माहौल चरम पर पहुंच गया है। खासकर पहले सोमवार को भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तों का जनसैलाब मंदिरों में उमड़ पड़ा। हरिद्वार, काशी, उज्जैन, देवघर, त्र्यंबकेश्वर और बैद्यनाथधाम जैसे प्रमुख शिवधामों में सुबह से ही जलाभिषेक और रुद्राभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं।
उत्तराखंड के हरिद्वार में लाखों कांवड़िए गंगा जल लेकर शिवलिंग का अभिषेक करने पहुंचे। पूरे शहर में “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयघोष गूंजते रहे। वहीं मध्य प्रदेश के महाकाल की नगरी उज्जैन में भक्तों ने महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन कर पुण्य प्राप्त किया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने बड़े स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की है। CCTV निगरानी, ड्रोन कैमरे और मेडिकल कैंपों के जरिए हर संभावित स्थिति से निपटने की तैयारी की गई है।
क्या है सावन सोमवार का महत्व?
हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता है कि सावन के सोमवार को व्रत और पूजा करने से शिव कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। विशेषकर कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना से इस दिन व्रत रखती हैं।