कामनाओं को पूरी करने वाली कामिका एकादशी का व्रत इस वर्ष 21 जुलाई 2025 को पड़ रहा है. यह सावन महीने की पहली एकादशी होगी और इसी दिन सावन सोमवार का व्रत (Sawan Somwar Vrat) भी रखा जाएगा. यानी एक ही दिन शिव और विष्णु पूजन का अद्भुत योग भी बन रहा है, जिस कारण इसे ‘हरिहर योग’ (Harihar Yog) भी कहा जा रहा है.
इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस बार कामिका एकादशी और सावन का दूसरा सोमवार एक साथ पड़ रहे हैं। यह संयोग भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा, व्रत और विशेष मंत्रों का जाप करने से समस्त कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी, पंचामृत और पीले पुष्प अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
🕉️ कामिका एकादशी पूजन मंत्र:
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
“श्री विष्णवे नमः”
इस दिन भक्त उपवास रखकर रात्रि जागरण करते हैं और श्रीहरि का स्मरण करते हैं। यह व्रत जीवन में नकारात्मकता को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।