प्रवर्तन निदेशालय ने व्यवसायी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को भूमि सौदे से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया। 56 साल के रॉबर्ट वाड्रा को इस मामले में पहली बार 8 अप्रैल को बुलाया गया था। वाड्रा के खिलाफ जांच हरियाणा के शिकोहपुर में एक भूमि सौदे से जुड़ी है।
ईडी की जांच के केंद्र में वाड्रा द्वारा 2005-2006 में फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में खरीदी गई लगभग 40 एकड़ भूमि है। जांच एजेंसी का आरोप है कि वाड्रा ने यह भूमि दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट एजेंट एच.एल. पहवा से खरीदी और 2010 में उन्हें ही वापस बेच दी। इसके अलावा, ईडी ने वाड्रा, एनआरआई व्यवसायी सी.सी. थंपी और हथियार डीलर संजय भंडारी के बीच वित्तीय लेन-देन की भी जांच की है। आरोप है कि वाड्रा ने लंदन के ब्रायनस्टन स्क्वायर में स्थित 1.9 मिलियन पाउंड मूल्य की संपत्ति को “बेनामी” तरीके से खरीदा था ।
ईडी कार्यालय में प्रवेश से पहले मीडिया से बातचीत में वाड्रा ने कहा, “मैं कानून से ऊपर नहीं हूं और न ही भाग रहा हूं। मैं हमेशा जांच में सहयोग करता रहा हूं, लेकिन प्रक्रिया निष्पक्ष और कानूनी होनी चाहिए।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संसद में राहुल गांधी की आवाज को दबाया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है।
वाड्रा ने यह भी कहा कि वह पिछले एक दशक से “बेसलेस” आरोपों का सामना कर रहे हैं और सच्चाई सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अब तक ईडी के साथ लगभग 80 घंटे बिताए हैं, और हर बार सभी सवालों के जवाब दिए हैं।”
कांग्रेस पार्टी ने वाड्रा के खिलाफ की जा रही जांच को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है, जबकि भाजपा का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और किसी को भी कानून से ऊपर नहीं समझा जाना चाहिए। इस मामले में आगे की जांच जारी है, और वाड्रा को अगले सप्ताह फिर से ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।