जिस तरह की उम्मीद लगाई जा रही थी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने अगस्त पॉलिसी मीटिंग में वैसा ही फैसला लिया है। लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती करने के बाद आरबीआई एमपीसी ने इस बार रेट कट को फ्रीज रखने का फैसला किया है। वैसे आने वाली पॉलिसी मीटिंग में रेट कट की उम्मीदों को धुमिल नहीं किया है और पॉलिसी स्टांस को न्यूट्रल ही रखा है। वास्तव में जिस तरह से ट्रंप की ओर से भारत पर टैरिफ लगाया गया है और टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी जा रही है।
पॉलिसी फैसलों में इस बात का साफ असर दिखाई दिया। वैसे मौजूदा कैलेंडर ईयर में आरबीआई एमपीसी पॉलिसी रेट में एक फीसदी की कटौती कर चुका है. वहीं जून के महीने में ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती थी. जिसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई अगस्त पॉलिसी मीटिंग में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आरबीआई एमपीसी ने पॉलिसी मीटिंग में किस तरह के फैसले लिए हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त की मौद्रिक नीति बैठक (Monetary Policy Meeting) में आम लोगों को बड़ा झटका दिया है। उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर लोगों की ईएमआई का बोझ कम करेगा, लेकिन केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई पर काबू पाने और अर्थव्यवस्था को संतुलित रखने के लिए आरबीआई ने फिलहाल ब्याज दरों में कोई छेड़छाड़ नहीं की है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा, क्योंकि उनकी ईएमआई फिलहाल कम नहीं होगी। आने वाले महीनों में महंगाई दर और आर्थिक गतिविधियों के आधार पर ही भविष्य की ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा।
आरबीआई ने नहीं किया रेपो रेट में बदलाव
आरबीआई एमपीसी के फैसलों का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसका मतलब है कि आरबीआई का रेपो रेट 5.50 फीसदी पर ही रहेगा. वैसे इस बात का अनुमान कई सर्वे में किया जा चुका था. मौजूदा साल में आरबीआई रेपो रेट रेट में 1 फीसदी की कटौती कर चुका है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने फरवरी के महीने में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की थी। https://x.com/RBI/status/1952948393506161139?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1952948393506161139%7Ctwgr%5E89d395bc8d974e036417dcd8b47ab71e08eaa757%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.tv9hindi.com%2Fbusiness%2Ftrump-tariffs-effect-seen-on-rbi-mpc-home-loan-interest-rate-not-reduced-3424179.html
3 फीसदी रहेगी महंगाई
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सोने की कीमतों में तेजी के कारण कोर इंफ्लेशन थोड़ी बढ़कर 4.4 फीसदी हो गई। चौथी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) महंगाई 4 फीसदी बढ़ने की संभावना है. वैसे आरबीआई मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने महंगाई के अनुमान को कम कर दिया है. मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई दर 3.1 फीसदी रहने का अनुमान है. जो जून के महीने में 3.7 फीसदी कही गई थी. जबकि दूसरी तिमाही के अनुमान को 3.4 फीसदी से कम कर 2.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.9 फीसदी से कम कर 3.1 फीसदी, वित्त वर्ष 2026 की चौथी तिमाही की महंगाई दर अनुमान को 4.4 फीसदी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जबकि वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.9 फीसदी रह सकती है. जोकि महंगाई बढ़ने का संकेत दे रही है।