लोकसभा चुनावी हलचल के बीच कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बिहार की जनसभा में बड़ा बयान देकर नई राजनीतिक बहस छेड़ दी. राहुल ने कहा कि जो बातें चुनाव आयोग डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी नहीं कह पाया, वह उन्होंने खुले मंच से कह दीं. दरअसल, बीते दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी से सात दिनों के भीतर अपने आरोपों को लेकर हलफनामा दाखिल करने को कहा था. राहुल लगातार चुनाव आयोग पर पक्षपात और चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोप लगाते रहे हैं.
बिहार की रैली में राहुल गांधी ने तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यदि INDIA गठबंधन की सरकार केंद्र में बनती है तो चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली की समीक्षा होगी और उस दौरान दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई भी होगी. उनके इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है. राहुल ने आगे कहा कि जनता बदलाव चाहती है और लोकतंत्र को बचाने के लिए निष्पक्ष चुनाव जरूरी हैं. उन्होंने दावा किया कि बिहार समेत देश के अलग-अलग राज्यों में जनता INDIA गठबंधन के पक्ष में खड़ी है.
गया रैली में राहुल का एक्शन लेने का ऐलान
चुनाव में धांधली को लेकर राहुल गांधी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं. कांग्रेस नेता के लगातार हमलों के बाद चुनाव आयोग ने रविवार को अपनी पीसी में कहा कि राहुल को अपने आरोपों पर 7 दिन में शपथपत्र जमा करना होगा, वरना उनके दावे अमान्य माने जाएंगे. उनके इसी जवाब के अगले दिन सोमवार को राहुल गांधी ने गया में रैली के दौरान यह ऐलान कर दिया कि केंद्र और बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी तो ‘वोट चोरी’ को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने सोमवार को गया में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग कहता है कि एक हफ्ते के अंदर हलफनामा दो, जबकि जिम्मेदार वह है, चोरी उनकी पकड़ी गई. मुझसे कहते हैं कि हलफनामा लाओ. मैं आयोग से कहना चाहता हूं कि पूरा देश आपसे हलफनामा मांगेगा. हम हर राज्य, हर लोकसभा क्षेत्र, हर विधानसभा क्षेत्र में आपकी चोरी पकड़ेंगे और पूरे देश को दिखाएंगे.
माफी मांगे या हलफनामा दाखिल करेंः CEC
प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि या तो राहुल गांधी माफी मांगें या चुनावी नियमों के तहत हस्ताक्षरित हलफनामे के साथ अपने दावों को पेश करें. उन्होंने भी तीखे अंदाज में कहा, “वह हलफनामा दें या देश से माफी मांगें. इस मामले में कोई तीसरा विकल्प नहीं है. अगर उनकी ओर से अगले 7 दिनों में हलफनामा नहीं दिया जाता है, तो दावे निराधार और अमान्य माने जाएंगे.” हालांकि अपने करीब डेढ़ घंटे की लंबी पीसी के दौरान ज्ञानेश कुमार ने हलफनामा नहीं जमा कराए जाने की सूरत में क्या एक्शन लेंगे, इस पर कुछ नहीं कहा था.
वहीं, बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के बयान को संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करार दिया और कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है.