गुजरात के अहमदाबाद में चल रहे कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में पार्टी नेताओं ने केंद्र सरकार और आरएसएस (RSS) पर तीखे हमले किए। इस अधिवेशन में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वक्फ प्रॉपर्टी बिल को लेकर मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह बिल न केवल मुस्लिम समुदाय पर हमला है, बल्कि यह सीधे संविधान की आत्मा पर हमला है।
राहुल गांधी का तीखा बयान
राहुल गांधी ने कहा, “वक्फ बोर्ड बिल संविधान पर सीधा हमला है। यह सिर्फ एक समुदाय की संपत्तियों पर नहीं, बल्कि भारत के सेक्युलर ढांचे पर हमला है। अगला निशाना ईसाई समुदाय होगा। पहले मुसलमानों को दबाया गया, अब क्रिश्चियंस को दबाया जाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि RSS देश को एक धर्म के शासन की ओर ले जाना चाहती है, जो भारत की विविधता और बहुलता के खिलाफ है।
अधिवेशन में और क्या हुआ?
- कांग्रेस ने संविधान बचाओ, लोकतंत्र बचाओ का नारा देते हुए सरकार की नीतियों की आलोचना की।
- पार्टी नेताओं ने महंगाई, बेरोजगारी, और लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
- अधिवेशन में आगामी लोकसभा चुनाव 2029 को लेकर पार्टी की रणनीति पर भी विचार हुआ।
वक्फ प्रॉपर्टी बिल क्या है?
वक्फ प्रॉपर्टी से जुड़ा यह नया प्रस्तावित बिल वक्फ बोर्ड की जमीनों और संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर है। विपक्ष का आरोप है कि इससे सरकार को वक्फ संपत्तियों में सीधा हस्तक्षेप करने का अधिकार मिल जाएगा, जो धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को “भ्रामक और समाज को बांटने वाला” करार दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सिर्फ धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में जिस तरह वक्फ बिल और RSS को लेकर राहुल गांधी ने तीखे तेवर अपनाए हैं, उससे साफ है कि पार्टी धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। अब देखना होगा कि इस बयान का क्या राजनीतिक असर होता है।