पंजाब में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। कई जिलों में पानी भर जाने से आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राहत कार्यों को तेज़ करने के लिए खुद मोर्चा संभाल लिया है। सीएम मान ने हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया और हालात का जायज़ा लिया। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और ज़मीनी स्तर पर राहत कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री मान ने गुरदासपुर और पठानकोट के बाढ़ग्रस्त गांवों में पहुंचकर न सिर्फ पीड़ितों से मुलाकात की, बल्कि हर परिवार को भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार उन्हें हर हाल में राहत पहुंचाएगी. उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर व्यक्ति की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने प्रशासन को राहत सामग्री, दवाइयां और सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और नुकसान की भरपाई जल्द की जाएगी। राज्य सरकार ने राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए विशेष टीमें तैनात की हैं और सेना तथा एनडीआरएफ की मदद भी ली जा रही है। मुख्यमंत्री के इस कदम की सराहना करते हुए स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार का जमीनी स्तर पर उतरना उन्हें भरोसा दिलाता है कि उनकी तकलीफें जल्द कम होंगी। वही इसके साथ सीएम हेलिकॉप्टर के ज़रिए बाढ़ में फंसे लोगों को राहत का सामान भिजवा रहें है। सीएम भगवंत मान ने पुरे प्रशासन को बाढ़ के राहत कार्यों के लिए लगा दिया है।
पूरी कैबिनेट कोसौंपी गई ज़िम्मेदारी
मान सरकार ने बाढ़ राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. राज्य प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह 24×7 ज़मीनी स्तर पर निगरानी बनाए रखे और हर प्रभावित गांव में राहत पहुंचे. पूरी कैबिनेट को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वे फील्ड में रहकर हालात पर नजर रखें और सीधा जनता से संवाद बनाए रखें.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने निजी हेलीकॉप्टर को भी राहत कार्यों के लिए समर्पित कर दिया. यह हेलीकॉप्टर गुरदासपुर और पठानकोट जैसे क्षेत्रों में फंसे लोगों को तेज़ी से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में इस्तेमाल हो रहा है. इससे स्पष्ट है कि यह सरकार केवल आदेश नहीं देती, बल्कि खुद मोर्चे पर डटी रहती है.