प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों की लाइफस्टाइल बेहद खराब होती है, लेकिन एक नई रिपोर्ट सामने आई है, जिससे उनकी टेंशन और ज्यादा बढ़ने वाली है. दरअसल, हाल ही में एक सर्वे किया गया था. इसमें सामने आया कि प्राइवेट जॉब करने वाले 70 पर्सेंट से ज्यादा लोग लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में हैं. इनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और स्ट्रेस जैसी बीमारियां शामिल हैं, जिनकी वजह से नौकरीपेशा लोगों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है. आइए जानते हैं कि ये बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं और इनसे बचने का तरीका क्या है?
प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों पर काम का दबाव और अनियमित लाइफस्टाइल का सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है। हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार, प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करीब 20 प्रतिशत लोग डायबिटीज से पीड़ित पाए गए। इसके अलावा, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापे जैसी बीमारियों का खतरा भी इस वर्ग में तेजी से बढ़ रहा है।
सर्वे में यह भी सामने आया कि लंबे समय तक बैठकर काम करना, समय पर खाना न खाना और तनाव इन बीमारियों के मुख्य कारण हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इनसे बचने के लिए रोजाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी, संतुलित आहार और समय पर हेल्थ चेकअप बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों ने यह भी सलाह दी कि ऑफिस में हर घंटे कुछ मिनट खड़े होकर चलना, ज्यादा पानी पीना और जंक फूड से परहेज करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
ये दिक्कतें भी कर रहीं परेशान
दिल्ली में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रिया गुप्ता ने बताया कि ज्यादातर लोग लैपटॉप और मोबाइल पर काम करते हैं, जिससे आंखों की कमजोरी और गर्दन दर्द की शिकायतें आम हो गई हैं. इसके अलावा काम के दबाव में लोग एक्सरसाइज या योग के लिए वक्त नहीं निकाल पाते हैं, जिससे दिक्कत काफी ज्यादा बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि स्ट्रेस कम करने के लिए योग और मेडिटेशन करें. ऑफिस में हर 2 घंटे बाद 5 मिनट उठकर टहलें. अगर सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत या थकान महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. हार्ट की सेहत के लिए नियमित जांच जरूरी है।