पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में इन दिनों भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। पाकिस्तान सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए PoK में लगभग 1000 मदरसों को बंद कर दिया है। इसके साथ ही, स्कूलों और धार्मिक शिक्षण संस्थानों में बच्चों को मरहम-पट्टी, स्ट्रेचर पर घायल उठाने और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सैन्य परिस्थितियों में काम आने वाली ट्रेनिंग दी जा रही है। यह घटनाक्रम भारत के सर्जिकल स्ट्राइक और PoK को लेकर कड़े रुख के बीच सामने आया है।
सेना जैसी तैयारियों का माहौल
स्थानीय रिपोर्ट्स के अनुसार, PoK के कई इलाकों में लोगों को ऐसा लग रहा है जैसे वे किसी जंग की तैयारी कर रहे हों। बच्चों को बुनियादी फर्स्ट एड, CPR, और इमरजेंसी निकासी जैसी तकनीकों की शिक्षा दी जा रही है। कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं जिनमें छोटे-छोटे बच्चे घायलों को स्ट्रेचर पर ढोते और नकली खून से सजी रिहर्सल में हिस्सा लेते नजर आ रहे हैं।
भारत की नीति से पाकिस्तान में चिंता
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की बदली हुई सैन्य और कूटनीतिक नीति ने पाकिस्तान और खासकर PoK प्रशासन में भय का माहौल बना दिया है। भारत के रक्षा प्रमुखों ने हाल ही में यह संकेत दिया था कि यदि जरूरत पड़ी तो PoK को लेकर कड़े और निर्णायक कदम उठाए जा सकते हैं। इससे पाकिस्तान सरकार अंदरूनी रूप से दबाव में आ गई है और PoK में अस्थिरता बढ़ने लगी है।
स्थानीय जनता में असंतोष
एक तरफ प्रशासन बच्चों को “जंग की तैयारी” में व्यस्त कर रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय नागरिकों में आक्रोश पनप रहा है। उनका कहना है कि बजाए शिक्षा और विकास के, सरकार उन्हें युद्ध के साए में जीने को मजबूर कर रही है। कुछ अभिभावकों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जाहिर की है।
भारत की चुप्पी लेकिन रणनीतिक सक्रियता
भारत सरकार की ओर से इस मुद्दे पर फिलहाल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन खुफिया एजेंसियां PoK में हो रहे इन घटनाक्रमों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान को डर है कि भारत भविष्य में PoK को लेकर कुछ बड़ा कदम उठा सकता है।
PoK में चल रही यह हलचल केवल प्रशासनिक या सुरक्षा उपाय नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक बढ़त और वैश्विक स्तर पर बदलते समीकरणों की झलक भी है। पाकिस्तान में PoK को लेकर बढ़ती बेचैनी भारत की नीति की सफलता का अप्रत्यक्ष प्रमाण मानी जा सकती है।