भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में पाकिस्तान की एक खतरनाक जासूसी साजिश का भंडाफोड़ किया है। खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने सोशल मीडिया, लालच और हनी ट्रैप जैसे हथकंडों का इस्तेमाल कर भारतीय आम नागरिकों, CRPF के जवानों, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों, और सिक्योरिटी गार्ड्स को अपने जाल में फंसाया और उनसे गोपनीय सूचनाएं हासिल कीं। यह केस देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी बनकर सामने आया है।
कैसे फंसते गए आम लोग:
- सोशल मीडिया हनी ट्रैप:
ISI की महिला एजेंट्स फर्जी प्रोफाइल बनाकर Facebook और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म पर जवानों व आम लोगों से दोस्ती करती थीं। भावनात्मक जुड़ाव के बाद गोपनीय सूचनाएं मांगी जाती थीं। - पैसों का लालच:
सिक्योरिटी गार्ड्स और इन्फ्लुएंसर्स को पहले छोटी-छोटी जानकारी के बदले पैसे दिए गए, बाद में उन्हें ब्लैकमेल कर ज्यादा संवेदनशील डाटा मंगवाया गया। - CRPF जवानों का शोषण:
कुछ जवानों को उनकी ड्यूटी पोस्टिंग, मूवमेंट प्लान और इंटर्नल कम्युनिकेशन की जानकारी के लिए निशाना बनाया गया। - डेटिंग ऐप्स का उपयोग:
Pakistan-based handlers ने Tinder और WhatsApp जैसे ऐप्स का भी इस्तेमाल किया।
गिरफ्तारी और जांच:
अब तक 10 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इनमें राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों के लोग शामिल हैं। IB और RAW की रिपोर्ट के अनुसार यह सिलसिला पिछले दो वर्षों से जारी था। कई संदिग्धों से अब भी पूछताछ जारी है।
सरकार की चेतावनी:
गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा बलों और केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट मोड में डाल दिया है। जवानों को सोशल मीडिया व्यवहार को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
पाकिस्तान की यह साजिश इस बात का सबूत है कि दुश्मन अब युद्ध के मैदान की बजाय सोशल मीडिया और मनोवैज्ञानिक हथियारों से देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। नागरिकों और सुरक्षाबलों को सतर्क और जागरूक रहना बेहद जरूरी है।