भारत की सख्त और निर्णायक सैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की घबराहट अब खुलकर सामने आ गई है। लगातार मिल रही शिकस्त और सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के बीच पाकिस्तान ने लगभग सरेंडर की स्थिति जाहिर की है।
पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा: “अगर भारत हमला रोक देता है, तो हम भी कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।“
इस बयान को रणनीतिक विशेषज्ञ ‘सीधे तौर पर आत्मसमर्पण की स्वीकारोक्ति‘ मान रहे हैं। सेना की सर्जिकल प्रिसिजन स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसे हमलों ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क और सैन्य ढांचे की कमर तोड़ दी है।
भारत का जवाब: आतंक नहीं रुका, तो कार्रवाई भी नहीं रुकेगी
भारतीय रक्षा सूत्रों ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के रक्षामंत्री का यह बयान दबाव में दिया गया संकेत है, लेकिन जब तक पाकिस्तान आतंक के सभी अड्डे खत्म नहीं करता, भारत अपनी सैन्य कार्रवाई नहीं रोकेगा।
पाकिस्तान की बौखलाहट
पाकिस्तान में इस समय:
- सीमावर्ती इलाकों में इमरजेंसी अलर्ट लागू है।
- लाहौर, रावलपिंडी, और इस्लामाबाद में हाई अलर्ट की स्थिति है।
- सैन्य ठिकानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और कुछ स्थानों पर सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
पाक मीडिया में लगातार यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों पाकिस्तान अपनी जमीन पर पल रहे आतंकियों को अब भी समर्थन दे रहा है?
अंतरराष्ट्रीय नजरें
भारत की इस कार्रवाई को लेकर विश्व समुदाय में भी प्रतिक्रिया आने लगी है। अमेरिका, फ्रांस, और रूस ने स्पष्ट किया है कि आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई को समझा जाना चाहिए, जबकि चीन ने ‘दोनों पक्षों से संयम’ की अपील की है।
पाकिस्तान की ओर से यह बयान कि “हम भी कोई एक्शन नहीं लेंगे,” दरअसल उस देश की हताशा और कमजोरी का परिचायक है जो वर्षों से आतंक को पालता रहा है। अब भारत की नीति साफ है, “पहले चेतावनी, फिर कार्रवाई… और अब कोई माफ़ी नहीं!”