भारत को जल्द ही अपना नया मुख्य न्यायाधीश (CJI) मिलने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस बी.आर. गवई (Justice B.R. Gavai) 14 मई को देश के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) का कार्यभार संभालेंगे। वर्तमान CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जिसके बाद गवई CJI पद की जिम्मेदारी लेंगे। जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे। इससे पहले के.जी. बालकृष्णन ने यह पद संभाला था। गवई का कार्यकाल करीब छह महीने का होगा और वे 24 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे।
कौन हैं जस्टिस बी.आर. गवई?
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1961 को महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और 1985 में वकालत की शुरुआत की। वे बॉम्बे हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं और मई 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त हुए थे। गवई सामाजिक न्याय और संविधान के अधिकारों के पक्षधर माने जाते हैं। उनका न्यायिक दृष्टिकोण संतुलन और संवेदनशीलता पर आधारित रहा है।
बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने वाले फैसले से आए चर्चा में
जस्टिस गवई तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में “बुलडोजर कार्रवाई” पर सवाल उठाए और इसे “कानून का उल्लंघन” करार देते हुए कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया। इस फैसले को कानूनी प्रक्रिया की रक्षा और न्यायिक संतुलन की दिशा में अहम माना गया।
उनकी प्रमुख विशेषताएं:
- संविधान और मानवाधिकार मामलों में विशेष रुचि
- अल्पसंख्यकों और दलितों के अधिकारों की रक्षा में सशक्त भूमिका
- सामाजिक न्याय की दिशा में कई महत्वपूर्ण फैसले
- सुप्रीम कोर्ट के Collegium के सक्रिय सदस्य
कितना रहेगा कार्यकाल?
जस्टिस गवई 14 मई 2025 को CJI का कार्यभार संभालेंगे और करीब 6 महीने तक इस पद पर रहेंगे। वे 24 नवंबर 2025 को अपने 65वें जन्मदिन पर सेवानिवृत्त होंगे। जस्टिस बी.आर. गवई का मुख्य न्यायाधीश बनना भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए एक प्रगतिशील और समावेशी कदम माना जा रहा है। वे न केवल सामाजिक संतुलन का प्रतिनिधित्व करते हैं, बल्कि उनके न्यायिक फैसले भी लोकतंत्र और कानून के मूल्यों की रक्षा करते हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उनके कार्यकाल में न्यायपालिका और आम जनता के बीच विश्वास और मज़बूत होगा।