Homeन्यूज़देशवाराणसी का विश्नाथ मंदिर: शिव की पावन भूमि का अनमोल रत्न

वाराणसी का विश्नाथ मंदिर: शिव की पावन भूमि का अनमोल रत्न

Date:

Share post:

वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे प्राचीन और पवित्र शहरों में से एक है। यहाँ पर स्थित विश्नाथ मंदिर हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। इस मंदिर की विशेष महत्वता और धार्मिक मान्यता की वजह से यह लाखों भक्तों और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

विश्नाथ मंदिर का इतिहास अत्यंत प्राचीन और गौरवपूर्ण है। इस मंदिर का समर्पण भगवान शिव के रूप विशेष “विश्वनाथ” (शिव का विश्व का स्वामी रूप) को है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह मंदिर पहले त्रेतायुग में भी विद्यमान था, और इसके कई रूपों का निर्माण विभिन्न कालखंडों में हुआ है।

माना जाता है कि पहले मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होलकर ने 1780 में कराया था। इससे पूर्व इस स्थान पर एक प्राचीन मंदिर विद्यमान था, जिसे आक्रमणकारियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। रानी अहिल्याबाई होलकर के प्रयासों से ही यह मंदिर पुनर्निर्मित हुआ।

विश्नाथ मंदिर की वास्तुकला हिन्दू धर्म के वैदिक शास्त्रों और स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्य मंदिर एक ऊँचे मंच पर स्थित है और इसका शिखर (कुम्भ) गोलाकार है, जो इसे दूर से भी पहचानने में मदद करता है। मंदिर का मुख्य गर्भगृह (गर्भगृह) शिवलिंग के लिए समर्पित है, जिसे श्रद्धालु पूजा और अभिषेक के लिए विशेष रूप से देखते हैं।

मंदिर का आंतरिक भाग भव्य और सजावटी है। यहाँ पर विविध प्रकार की चित्रकारी, मूर्तियाँ और अलंकरण किए गए हैं जो धार्मिक विषयों और पुरानी कथाओं को दर्शाते हैं।

विश्नाथ मंदिर हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंदिर न केवल भगवान शिव के लिए पूजा का स्थल है, बल्कि यह काशी के मुख्य तीर्थ स्थल भी है। यहाँ पर हर दिन हजारों भक्त आते हैं और विशेष अवसरों पर यह संख्या और भी बढ़ जाती है।

मंदिर का महत्व विशेष रूप से शिवरात्रि जैसे प्रमुख त्योहारों पर अत्यधिक बढ़ जाता है। शिवरात्रि, महाशिवरात्रि, और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों पर यहाँ विशेष पूजा और अभिषेक किए जाते हैं, और भक्तों की भीड़ इतनी होती है कि प्रबंधकों को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है।

विश्नाथ मंदिर वाराणसी में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यह हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए आध्यात्मिक साधना का प्रमुख केंद्र है। यहाँ पर आने वाले भक्त न केवल धार्मिक कृत्य करते हैं, बल्कि इस पवित्र स्थल की भव्यता और शांति का अनुभव भी करते हैं।

मंदिर के पास स्थित घाट और अन्य धार्मिक स्थल भी श्रद्धालुओं को यहाँ की पावन भूमि का पूरा अनुभव प्रदान करते हैं। यहाँ आने वाले भक्त न केवल पूजा-अर्चना करते हैं, बल्कि नगर की गलियों, घाटों, और बाजारों की भी सैर करते हैं।

विश्नाथ मंदिर वाराणसी का एक अभिन्न हिस्सा है और यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका इतिहास, वास्तुकला, धार्मिक महत्व, और पर्यटकीय आकर्षण इसे एक अद्वितीय और पवित्र स्थल बनाते हैं, जो हर श्रद्धालु के दिल में विशेष स्थान रखता है।

Related articles

ये होना ही था, ऑपरेशन सिंदूर पर मोदी की चुप्पी टूटी, पहली बार बोले तो पूरा देश सन्न!

भारत के हाई-प्रोफाइल सैन्य अभियान "ऑपरेशन सिंदूर" पर आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान सामने आ गया...

रेड अलर्ट में दिल्ली-NCR का टेस्ट, मॉक ड्रिल से सायरन तक, 55 जगहों पर अलर्ट एक्शन

7 मई 2025 को दिल्ली-एनसीआर में घोषित रेड अलर्ट के मद्देनज़र, सुरक्षा एजेंसियों ने कई एहतियाती कदम उठाए...

“तनाव नहीं चाहते, लेकिन सेना तैयार रहे…” शहबाज की चेतावनी या जंग का इशारा? उधर डोभाल ने दुनिया को सुनाया भारत का प्लान!

भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे हालात में दक्षिण एशिया में तनाव चरम पर है। पाकिस्तान के...

GT vs MI में दोहरी मार! हार्दिक पांड्या की टीम को तगड़ा झटका , हार के बाद ₹24 लाख का जुर्माना, पूरी टीम फंसी

आईपीएल 2025 में खेले गए गुजरात टाइटंस (GT) बनाम मुंबई इंडियंस (MI) के मुकाबले में जहां GT को...