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Budget History: जब तीन बार प्रधानमंत्री ने किया देश के बजट को पेश

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केंद्र सरकार में वित्त मंत्री को बजट पेश करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन भारतीय इतिहास में तीन बार प्रधानमंत्री को यह कार्य करना पड़ा है।
nirmala shitaraman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को साल 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी। हालांकि इस बार अंतरिम बजट होगा, चंद महीने बाद लोकसभा चुनाव होने वाला है। आमतौर पर केंद्र सरकार में वित्त मंत्री के ऊपर बजट पेश करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन भारतीय इतिहास में तीन बार ऐसे मौके आए हैं जब प्रधानमंत्री को इसे पेश करना पड़ा है। यहाँ उनके बारे में जानकारी है।

तीन प्रधानमंत्रियों ने पेश किया बजट 

भारत के इतिहास में तीन ऐसे मौके आए हैं, जब देश के प्रधानमंत्री ने संसद में आम बजट पेश किया है। इन तीनों मौकों का विशेषता से यह साबित होता है कि ये तीनों ही प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू-गांधी परिवार से हैं। पहले नाम है भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का, जिन्होंने 13 फरवरी 1958 को वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्‍णाचारी के इस्‍तीफा देने के बाद उन्होंने अपने कंधों पर यह जिम्मेदारी ली थी। जवाहरलाल नेहरू ने उन दिनों 1958-59 का आम बजट पेश किया था।

जवाहरलाल नेहरू, जो प्रधानमंत्री रहते हुए दो बार देश के वित्त मंत्री भी रह चुके थे, उन्होंने पहले 24 जुलाई 1956 से लेकर 30 अगस्त 1956 तक वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला। इसके बाद, 13 फरवरी 1958 से लेकर 13 मार्च 1958 तक दूसरी बार, सिर्फ 29 दिनों तक वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला। इस दौरान, उन्होंने देश का आम बजट भी पेश किया था, जो इतिहास में पहला मौका था, जब भारत के प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया था।

Indira Gandhi ने पेश किया बजट

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बाद, इंदिरा गांधी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनकर ऐतिहासिक कदम उठाया। उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में आम बजट पेश किया, जब मोरारजी देसाई के कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने इस पद का कार्यभार संभाला। इंदिरा गांधी ने 1970-71 के आम बजट को पेश किया और इस साथ वे भारत की पहली महिला वित्त मंत्री बन गईं।

राजीव गांधी ने पेश किया बजट

प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए वित्त मंत्री का कार्यभार संभालते हुए राजीव गांधी ने वीपी सिंह के सरकार से बाहर होने के बाद वित्त मंत्री का पदभार संभाला। उन्होंने वित्त वर्ष 1987-88 का आम बजट पेश किया और इससे वे नेहरू-गांधी परिवार में ऐसा करने वाले सदस्य बन गए।

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