दुबई न केवल पर्यटन के लिए ही बल्कि अब वास्तुकला निवेश के लिए भी बहुत प्रेरणादायक हो रहा है। दुबई के प्रॉपर्टी बाजार की पारदर्शिता और सुरक्षा के कारण निवेशकों का उत्साह बढ़ रहा है।
दुबई के रियल एस्टेट रेगुलेटरी एजेंसी (रेरा) से प्रेरित होकर भारत में भी 2016 में नए कानून का निर्माण किया गया। दुबई का रेरा निवेशकों को प्रॉपर्टी सेक्टर में महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है।
वहाँ प्रॉपर्टी डेवलपर्स निवेशकों के पैसे को तब तक नहीं लगा सकते, जब तक उन्हें रेरा से मंजूरी नहीं मिल जाती। यह मंजूरी पाने के लिए पहले उनकी साइट का निरीक्षण किया जाता है। फिर उन्हें प्रोग्रेस रिपोर्ट दायर करनी होती है।

इसलिए भारतीय निवेशकों को दुबई की ओर आकर्षित करने का मुख्य कारण है। दुबई में रियल एस्टेट में 7 से 8 प्रतिशत रिटर्न मिल रहा है, जबकि दुनिया भर के मेट्रोपोलिटन शहर 2 से 3 प्रतिशत का ही रिटर्न दे रहे हैं। इसका अर्थ है कि दुबई में प्रॉपर्टी को 12-13 साल की लीज या किराये पर देने से ही उसकी कीमत निकल सकती है।
यह रिटर्न भारत के प्रमुख शहरों से काफी ज्यादा है। डॉलर की तुलना में रुपये की कमजोरी के बावजूद यह निवेश आकर्षक लगता है। इसके दो फायदे हैं। पहला कि इससे रियल एस्टेट में निवेश से बेहतर रिटर्न मिलेगा। दूसरा, इससे भारत के बाहर प्रॉपर्टी खरीदने का निवेशकों का सपना पूरा होता है।
एक बड़ा उदाहरण पिछले दिनों दिल्ली में देखा गया, जहां दुबई के प्रमुख रियल एस्टेट ब्रोकरेज फर्म Divine Bricks ने दो दिन का दुबई रियल एस्टेट एक्सपो का आयोजन किया। इस एक्सपो में लोगों ने बड़े ही उत्साह से हिस्सा लिया और बुकिंग भी की। Divine Bricks के फण्ड सेफ्टी और आकर्षक पेमेंट प्लान ने लोगों को खूब आकर्षित किया, और उनके क्लाइंट्स के लिए बुकिंग करने पर फ्री दुबई ट्रिप का आयोजन किया गया। इससे लोगों को बहुत अधिक प्रेरित किया गया।