Homeन्यूज़Nag Panchami 2025: नागपंचमी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीज़ें, मिलेगा कालसर्प दोष से छुटकारा।

Nag Panchami 2025: नागपंचमी पर शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीज़ें, मिलेगा कालसर्प दोष से छुटकारा।

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हिंदू धर्म में नागों का विशेष महत्व है, और इन्हीं की पूजा के लिए हर साल सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी मनाई जाती है। इस दिन भक्त नाग देवता की पूजा कर उनसे जीवन में सुख, समृद्धि और भय से मुक्ति की कामना करते हैं। इस दिन विशेष रूप से नाग देवताओं और भगवान शिव की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस दिन विशेष विधि से पूजन करने पर कालसर्प दोष जैसे ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है।

अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष है, तो नागपंचमी का दिन बेहद खास हो सकता है। बस कुछ विशेष वस्तुएं शिवलिंग पर श्रद्धा से अर्पित करें, और दोष से मुक्ति की प्रार्थना करें।

नागपंचमी पर शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीज़ें:

1. कच्चा दूध:

शिवलिंग पर कच्चे दूध से अभिषेक करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और कालसर्प दोष का प्रभाव कम होता है।

2. बिल्वपत्र:

बिल्वपत्र शिवजी का प्रिय है। तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से दोषों का नाश होता है।

3. धतूरा और भांग:

शिव को धतूरा और भांग अत्यंत प्रिय हैं। इन्हें अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है

4. काले तिल और जल:

काले तिल मिलाकर जल से शिवलिंग का अभिषेक करने से पितृदोष और कालसर्प दोष दोनों शांत होते हैं।

5. सफेद फूल और चंदन:

सफेद रंग शांति का प्रतीक है। सफेद फूल और चंदन चढ़ाने से मन और आत्मा को शांति मिलती है

क्या है कालसर्प दोष?

कालसर्प दोष तब बनता है जब व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। इससे जीवन में बार-बार बाधाएं, नौकरी में रुकावट, विवाह में देरी और मानसिक तनाव बना रहता है। नागपंचमी पर विशेष पूजा और उपाय करने से इसका प्रभाव कम किया जा सकता है।

विशेष मंत्र:

“ॐ नमः शिवाय।”, “ॐ कालसर्प दोष निवारणाय नमः।”, इन मंत्रों का 108 बार जप अवश्य करें।

नागपंचमी 2025 कब है?

तिथि: सोमवार, 4 अगस्त 2025
पंचमी तिथि आरंभ: 4 अगस्त को सुबह 05:50 बजे से
पंचमी तिथि समाप्त: 5 अगस्त को सुबह 03:45 बजे तक
पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः काल (08:00 से 11:00 बजे तक) रहेगा।

नागपंचमी क्यों मनाई जाती है?

यह पर्व नाग देवताओं को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। हिंदू ग्रंथों में नागों को धरती की रक्षा करने वाला और भगवान शिव का आभूषण बताया गया है। मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से सर्पदोष, कालसर्प दोष, और अकाल मृत्यु जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

धार्मिक मान्यताएं:

  • नागों का संबंध पाताल लोक से माना जाता है, और इनका जिक्र महाभारत, रामायण, और स्कंद पुराण जैसे ग्रंथों में मिलता है।
  • यह भी मान्यता है कि इस दिन नागों को दूध पिलाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है
  • नागपंचमी पर भगवान शिव, वासुकी, शेषनाग, तक्षक, और अन्य नाग देवताओं की विशेष पूजा की जाती है।

क्या करते हैं इस दिन?

  • नाग देवता की मिट्टी या चित्र पर दूध, दूर्वा, फूल, कुश, अक्षत और चंदन अर्पित किया जाता है।
  • महिलाएं व्रत रखती हैं और सर्पों के नाम से दूध, लड्डू, और खीर का भोग लगाती हैं।
  • लोग नाग मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं।

पूजन मंत्र:

ॐ नमो भगवते वासुकिनाथाय नमः।”

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