सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने कैब एग्रीगेटर्स के लिए Motor Vehicle Aggregator Guidelines 2025 (MVAG 2025) जारी कर दी है। इस नई गाइडलाइन के तहत अब कैब कंपनियों को पीक ऑवर्स में बेस फेयर से दोगुना तक किराया वसूलने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, सरकार ने बाइक टैक्सी सेवाओं को भी आधिकारिक मंजूरी दे दी है, जिससे यात्री सेवाओं में एक नया विकल्प जुड़ गया है।
क्या है नई MVAG 2025 गाइडलाइन में खास?
- पीक ऑवर्स में किराया:
अब ओला, उबर जैसी कैब कंपनियां सुबह-शाम के व्यस्त समय (Peak Hours) में बेस फेयर का 200% तक चार्ज कर सकेंगी। यह निर्णय यात्रियों की मांग और ट्रैफिक की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। - बाइक टैक्सी को मंजूरी:
सरकार ने पहली बार बाइक टैक्सी को आधिकारिक अनुमति दी है। इससे कम दूरी की यात्राओं के लिए एक सस्ता और फुर्तीला विकल्प यात्रियों को मिलेगा। - प्राइस कैपिंग और पारदर्शिता:
सभी एग्रीगेटर कंपनियों को अपने ऐप में किराये की पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी। ग्राहक को राइड बुक करने से पहले किराए का पूरा ब्रेकअप दिखाना अनिवार्य किया गया है। - फ्लीट में EV को प्राथमिकता:
गाइडलाइन में यह भी निर्देश दिया गया है कि कंपनियां अपनी फ्लीट में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को प्राथमिकता दें। इससे पर्यावरण को फायदा होगा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी। - राइडर सेफ्टी और ट्रेनिंग:
ड्राइवरों को यात्री सुरक्षा, व्यवहार और तकनीकी ट्रेनिंग देना भी अनिवार्य किया गया है।
सरकार का पक्ष
मंत्रालय का कहना है कि इन नियमों से किराया निर्धारण में पारदर्शिता, ग्राहक सुविधा, और नौकरी के नए अवसर बढ़ेंगे। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म आधारित ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बेहतर नियमन मिलेगा।
यात्रियों और ड्राइवरों पर क्या असर पड़ेगा?
- यात्रियों को अब पीक ऑवर्स में ज्यादा किराया देना पड़ सकता है
- लेकिन ऑफ-पीक समय में सस्ते किराए की उम्मीद
- ड्राइवरों की कमाई बढ़ने की संभावना
- बाइक टैक्सी के आने से युवाओं को रोजगार के नए अवसर