मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में इतिहास रचते हुए लगातार 15 घंटे तक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली, जिसने न केवल देश बल्कि वैश्विक मीडिया का भी ध्यान अपनी ओर खींचा। इस ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुइज्जू ने नीतियों, आलोचनाओं और विपक्ष के आरोपों पर विस्तार से जवाब दिए। सबसे दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के लंबे प्रेस इंटरैक्शन रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया।
क्या थी इस लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस की वजह?
राष्ट्रपति मुइज्जू हाल ही में देश की आंतरिक राजनीति और भारत के साथ बिगड़ते संबंधों को लेकर आलोचनाओं के घेरे में थे। विपक्षी दलों और नागरिक समाज ने सरकार की पारदर्शिता और निर्णयों पर सवाल उठाए थे। इसी पृष्ठभूमि में मुइज्जू ने प्रेस के सामने खुलकर आने का फैसला किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने:
- भारत-मालदीव संबंधों की वर्तमान स्थिति को स्पष्ट किया,
- चीन से बढ़ती नजदीकियों पर सवालों के जवाब दिए,
- विपक्ष द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया,
- और जनता के लिए भविष्य की योजनाएं साझा कीं।
जेलेंस्की से भी लंबा चला संवाद
अब तक दुनिया में सबसे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए वोलोडिमिर जेलेंस्की का रिकॉर्ड मशहूर था, जिन्होंने 2019 में करीब 14 घंटे तक पत्रकारों से बातचीत की थी। लेकिन मुइज्जू ने यह रिकॉर्ड भी तोड़ दिया, जो दर्शाता है कि वह हर सवाल का जवाब देने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं या फिर यह भी कि दबाव बहुत ज़्यादा है।
जनता में मिला मिला-जुला रिस्पॉन्स
जहाँ मुइज्जू समर्थकों ने इसे “लोकतंत्र में पारदर्शिता की मिसाल” बताया, वहीं आलोचकों ने इसे “राजनीतिक ड्रामा” और “इमेज मेकओवर की कोशिश” करार दिया। अब देखना यह होगा कि मुइज्जू की यह पहल उनके राजनीतिक भविष्य और अंतरराष्ट्रीय छवि को कितना प्रभावित करती है।